सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो तीन साल के भीतर दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Indira Gandhi International Airport) देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा। वजह यह है कि एयर पोर्ट विस्तार के लिए चल रहा प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा हो जाएगा। इसी के साथ यह भी योजना बनाई जा रही है कि दिल्ली एयर पोर्ट पर 2022 तक एयर ट्रेन भी चलाई जाए, क्योंकि कभी-कभार तो यात्रियों को एक से दूसरे टर्मिनल तक पहुंचने में ही एक घंटे का समय लग जाता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए एयर ट्रेन योजना पर तेजी से काम करने का फैसला लिया गया है। योजना सफल हुई तो एयर पोर्ट पर एयर ट्रेन चलाने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। फिलहाल शिकागो, शंघाई और फ्रैंकफर्ट में ही एयर पोर्ट पर एयर ट्रेन की सुविधा है।
क्यों पड़ रही एयर ट्रेन की जरूरत
इसमें कोई शक नहीं है कि 2022 तक दिल्ली एयरपोर्ट देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट में शुमार हो जाएगा। ऐसे में दूरी के लिए यात्रियों की निर्भरता बस और टैक्सी से खत्म करने के लिए ऐसा करना जरूरी है। यूं भी टैक्सी-बस से दूरी तय करने में 30 मिनट से एक घंटे तक का समय लग जाता है। कई बार तो कुल हवाई यात्रा का समय ही एक घंटे का होता है। बता दें कि फिलहाल दिल्ली एयरपोर्ट पर टर्मिनल 3 से टर्मिनल 2 और टर्मिनल 1 तक यात्रियों को आने-जाने के लिए बस या फिर टैक्सी का सहारा लेना पड़ता है। एयर ट्रेन चलने की सूरत में यात्रियों को बस-टैक्सी पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।
चंद मिनटों में यात्री पहुंच सकेंगे एक से दूसरी टर्मिनल
एयर ट्रेन चलने पर यही तीनों टर्मिनल के बीच यात्रियों को पहुंचाएगी। एयर ट्रेन की खासियत यह होगी कि यह कुछ ही मिनट में एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक पहुंचा देगी। इस एयर ट्रेन में यात्रियों अपने साथ लाया सामान भी ले जा सकेंगे। एयरपोर्ट का जिम्मा संभालने वाली कंपनी दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (Delhi International Airport Limited) की मानें तो इस बाबत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (detailed project report) तैयार की जा चुकी है। माना जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में टेंडर भी छोड़ा जा सकता है। उम्मीद है कि अगले साल इस पर काम शुरू हो जाए।
3 साल पहले हुई थी योजना की घोषणा
अधिकारियों की मानें तो इससे वर्ष- 2016 में पहली बार एयर ट्रेन की योजना के बारे में घोषणा की गई थी। इस दौरान कहा गया था कि यह प्रॉजेक्ट 2020 तक पूरा हो सकता है लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते इसमें देरी हुई। इसी तरह अगर इस साल के आखिर में इस पर काम शुरू हुआ तो तकरीबन तीन साल में यह प्रोजेक्ट पूरा हो पाएगा।
जानिए एयर ट्रेन प्रोजेक्ट के बारे में
- जानकारों की मानें तो दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर ही एयर ट्रेन का निर्माण किया जाएगा।
- एयर ट्रेन के लिए नया रूट भी बनाया जाएगा।
- यह रूट एयरपोर्ट के पास एयरोसिटी मेट्रो से भी सीधे मेट्रो से जुड़ेगा।
- एयर ट्रेन के साथ एयर पोर्ट पर ऑटोमेटेड पैसेंजर्स मूवर्स भी शुरू किया जाएगा।
इन देशों में एयर पोर्ट पर चलती है एयर ट्रेन
शिकागो
शंघाई
फ्रेंकफर्ट
डायल से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, एयर ट्रेन पर कुल 2500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। योजना के बाबत सिंगापुर की एक कंसल्टेंट कंपनी से सलाह भी ली जा रही है। अब तक एयर ट्रेन पर मुहर नहीं लगी है। अधिकारियों का कहना है कि एयर ट्रेन के साथ एयरपोर्ट के लिए ट्राम, ऐलिवेटेड ट्रेन चलाने के बारे में भी विचार हो रहा है। कम खर्च और अधिक सुविधा वाले विकल्प को तरजीह दी जाएगी।