जम्मू कश्मीर और लद्दाख को नई यूनियन टेरिटरी बनाए जाने के बाद भारत सरकार ने दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के नए नक्शे भी जारी कर दिए हैं. महत्वपूर्ण यह कि इन नई नक्शों में जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में मुजफ्फराबाद को भी शामिल दिखाया गया है. साथ ही लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में अक्साई चीन को शामिल दिखाया गया है. सरकार का मानना है कि इन नक्शों में वास्तविक स्थिति को दर्शाया गया है.
ध्यान रहे कि धारा 370 खत्म किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख को 5 अगस्त 2019 को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की घोषणा की गई थी और 31 अक्टूबर 2019 को इन दोनों जगहों को विधिवत तौर पर केंद्र शासित राज्य बना दिया गया है. साथ ही दोनों जगहों पर नए उपराज्यपाल की तैनाती भी कर दी गई है. यानी इन दोनों जगहों पर केंद्र सरकार के अधीन आने वाले यूटी प्रशासन ने अपना काम शुरू कर दिया है.
सरकार द्वारा जारी नए नक्शे के मुताबिक नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र में कारगिल तथा लेह – दो ज़िले हैं और भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य का बाक़ी हिस्सा नए जम्मू और कश्मीर राज्य संघ क्षेत्र में है. 1947 में भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य में निम्न 14 जिले थे – कठुआ, जम्मू, ऊधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुँछ, मीरपुर, मुज़फ़्फ़राबाद, लेह और लद्दाख़, गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और ट्राइबल टेरिटॉरी.
2019 तक आते आते भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर की राज्य सरकार ने इन 14 ज़िलों के क्षेत्रों को पुनर्गठित करके ज़िले बना दिए थे. नए जिलों के नाम निम्न प्रकार से हैं –कुपवाड़ा, बान्दीपुर, गंडेरबल, श्रीनगर, बड़गाम, पुलवामा, शूपियान, कुलगाम, राजौरी, रामबन, डोडा, किश्तवार, साम्बा और कारगिल .इनमे से कारगिल ज़िले को लेह और लद्दाख़ ज़िले के क्षेत्र में से अलग करके बनाया गया था.
राष्ट्रपति ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (कठिनाइयों को हटाना) दूसरे आदेश, 2019 द्वारा नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र के लेह ज़िले को, कारगिल ज़िला बनने के बाद, 1947 के लेह और लद्दाख़ ज़िले के बाक़ी क्षेत्र में 1947 के गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और ट्राइबल टेरिटॉरी जिलों के क्षेत्रों को समावेशित करते हुए परिभाषित किया है.