वित्तीय संकट से गुजर रहे यस बैंक को निवेशकों से कुल 21 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रस्ताव मिले हैं। बैंक में अकेले आठ हजार करोड़ रुपये (120 करोड़ डॉलर) उत्तरी अमेरिका में स्थित एक निवेशक परिवार निवेश करेगा। हालांकि इस निवेश के बारे में किसी तरह का खुलासा नहीं किया गया है।
बैंक के सीईओ रवनीत गिल ने बताया कि इसके अलावा छह निजी इक्विटी और दो घरेलू म्यूचुअल फंड के कंशोर्सियम द्वारा 150 करोड़ डॉलर का निवेश किया जाएगा। बैंक की कमेटी द्वारा निवेश के प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद सारी जानकारी दे दी जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार यस बैंक को निवेश की बहुत जरूरत है। पूंजी तरलता की कमी से जूझ रही है। इस कारण से वो लंबे समय से ऐसे निवेशकों को ढूंढ रहा था, जो कि बैंक में निवेश करके पूंजी की तरलता को बढ़ा सकें। एसपीजीपी के अलावा टीपीजी, फारालौन कैपिटल और कार्ले समूह ने भी बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए इच्छुक हैं। गुरुवार को बैंक के शेयरों में करीब सात सौ करोड़ रुपये की ट्रेडिंग हुई।
बैंक को दूसरी तिमाही में 600 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। बैंक के नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) में भी 7.39 फीसदी का नुकसान हुआ है। बैंक का शुद्ध मुनाफा 109 करोड़ रुपये रहा। बैंक को डीटीए का अडजस्टमेंट करने के लिए 709 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा, जिसकी वजह से उसे यह घाटा हुआ है। पिछले साल की दूसरी तिमाही में बैंक को 964.70 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इससे पहले इसी साल मार्च की तिमाही में बैंक को 1506.60 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। बैंक के शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद अब तक का दूसरा सबसे बड़ा घाटा हुआ है।