लखनऊ में पॉलीटेक्निक में शिक्षा ग्रहण करना अब आसान नहीं होगा। डिप्लोमा कोर्स की फीस अब डिग्री कोर्स बीटेक के बराबर होगी। प्राविधिक शिक्षा विभाग 31 नए राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों को निजी हाथों से चलाने जा रहा है। इससे संस्थानों में बेहतर संस्थान तो मिलेंगे। साथ ही उसकी फीस बढ़कर 63 हजार हो जाएगी।

यह बातें गुरुवार को राजकीय पॉलीटेक्निक लखनऊ (जीपीएल) में पॉलीटेक्निक के निजीकरण को लेकर आयोजित बैठक के दौरान सामने आईं। वहीं, महंगी फीस न देने पाने से गरीब वर्ग के छात्रों के प्रवेश पर अंकुश लग जाएगा। अभी उन्हें मात्र 11 हजार में राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान में प्रवेश मिल रहा है। बैठक के दौरान राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों के निजीकरण का जबरदस्त विरोध हुआ।
उत्तर प्रदेश टेक्निकल एजुकेशन सेवा संघ (यूपीटेसा) के महामंत्री आरबी सिंह ने कहा कि 40 फीसद की दहलीज छूने वाले राजकीय संस्थानों के सर्वेसर्वा कैसे हो सकते हैं? बीते सत्र में 60 फीसद संस्थान ऐसे हैं जिनके परिणाम 40 फीसद से भी नीचे रहे हैं। वहीं, पीपीपी मॉडल वाले राजकीय संस्थानों में शिक्षक से लेकर बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के बाद 63 हजार रुपये फीस पर गरीब और असहाय बच्चों का प्रवेश मुश्किल हो जाएगा।
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