भारत ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के एक मंच पर उठाने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि वह केवल खोखली बयानबाजी करता रहता है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के मंत्री दीपक मिश्रा ने शनिवार को पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन उनका बयान इस्लामाबाद की संयुक्त राष्ट्र में राजदूत मलीहा लोधी के ही बयान का जवाब था।
मलीहा लोधी ने पिछले सप्ताह यूएन के एक फोरम में जम्मू कश्मीर का राग अलापा था और फिर से एक बार यही मुद्दा उठाया है। लोधी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने वाले भारत के फैसले की ओर इशारा करते हुए कहा था कि जम्मू कश्मीर मुद्दे के समाधान बगैर संयुक्त राष्ट्र का उपनिवेशवाद का एजेंडा अधूरा रहेगा।
दीपक मिश्रा ने कहा, ‘फोरम में जानबूझकर विषय से भटकाने की कोशिश की जा रही है। हमारी एक प्रतिनिधिमंडल की रुचि इसी बात में है कि मुद्दों से कैसे भटकाया जाए और इस बात को अभी अगस्त के फोरम में साबित करते हुए अनुचित बयान भी दिए गए थे।’
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से, 80 से अधिक पूर्व उपनिवेशों को आजादी मिली है और इन्हें संयुक्त राष्ट्र में शामिल किया गया है। विश्व निकाय के दस्तावेजों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के निरंतर प्रयासों के बाद अब बीस लाख से भी कम लोग गैर-स्व-शासित क्षेत्रों में रहते हैं।
मिश्रा ने कहा कि इस समिति के एजेंडे में अभी भी 17 गैर स्वशासित क्षेत्र हैं, जहां उपनिवेश के खात्मे की प्रक्रिया जोरों पर हैं। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर उन्होंने इस लंबी प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता का जिक्र किया साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सात दशक गुजर गए उपनिवेशवाद की जो प्रक्रिया भारत की आजादी के साथ शुरू हुई थी अभी भी खत्म नहीं हुई है। ।