प्रदूषण से मुकाबले के लिए डीजल जेनरेटर सेट के इस्तेमाल पर लगाई गई इपका की पाबंदी से एनसीआर के लाखों घरों में अंधेरा छाएगा। खास तौर पर गुरुग्राम जैसे शहर में, जहां कई आवासीय कॉलोनियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में बिजली के कनेक्शन ही नहीं हैं।
इन जगहों पर बिजली की जरूरतें जेनरेटर से ही पूरी होती हैं। इस वजह से हरियाणा सरकार ने डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल की छूट मांगी है।दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पैदा करने वाले स्थानीय कारकों में डीजल जेनरेटर को प्रमुखता से शामिल किया जाता है। यही वजह है कि प्रदूषण से मुकाबले के लिए पर्यावरण प्रदूषण निवारक प्राधिकरण यानी इपका ने 15 अक्तूबर से डीजल जेनरेटर सेट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इस प्रतिबंध के दायरे में पहली बार दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरी क्षेत्रों जैसे गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत और बहादुरगढ़ को शामिल किया गया है। इपका की पाबंदी से इन शहरों में खलबली मच गई है।
चार राज्यों की बैठक
इपका ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के प्रमुख सचिवों की बैठक बुलाई है। इसमें डीजल जेनरेटर सेट पर पाबंदी के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की ओर से भी पाबंदी से छूट देने की मांग की गई थी।
हरियाणा सरकार ने पत्र लिखा
हरियाणा सरकार के सचिव की ओर से इपका को पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि कई आवासीय कॉलोनियां और व्यावसायिक प्रतिष्ठान ऐसे हैं, जहां बिजली के कनेक्शन हैं ही नहीं। ऐसे में डीजल जेनरेटर सेट पर पाबंदी से वहां पर लोग परेशानी में पड़ जाएंगे। खास तौर पर गुरुग्राम में सेक्टर-1 से लेकर सेक्टर-57 तक ऐसी कई आवासीय कॉलोनियां और व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं।