जीएसटी के तहत राजस्व प्राप्ति बढ़ाने सहित इसकी व्यापक रूप से समीक्षा कर जरूरी सुझाव देने को लेकर गठित एक उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक मंगलवार यानी आज 15 अक्तूबर को होगी। काउंसिल की मीटिंग से पहले पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से विमान ईंधन और प्राकृतिक गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की अपील की है।
जीएसटी परिषद के विशेष सचिव राजीव रंजन ने कहा कि समिति को रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। समिति को जीएसटी के तहत राजस्व संग्रह बढ़ाने तथा कर चोरी रोकने के उपायों पर सुझाव देने का काम दिया गया है।
1 जुलाई 2017 में जीएसटी पेश किए जाने के बाद एक दर्जन से अधिक केंद्रीय एवं राज्य करों को इसमें समाहित किया गया। हालांकि, इसमें पांच जिंसों कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) को इसके दायरे से बाहर रखा गया। इसके लिए राज्य सरकारों की राजस्व के लिए इन वस्तुओं पर निर्भरता का हवाला दिया गया।
सेरावीक के इंडिया एनर्जी फोरम में उन्होंने कहा कि सभी पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की लगातार मांग हो रही है। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी को एचपीसीएल में अपनी हिस्सेदारी बेचने की पूरी आजादी है। एचपीसीएल के अधिग्रहण से ओएनजीसी को कोई फायदा नहीं पहुंचने संबंधी रिपोर्टों के बीच प्रधान ने यह बात कही।