देश की राजधानी दिल्ली के पानी को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बड़ी बात कही है। उन्होंने दिल्लीवासियों को अलर्ट करते हुए कहा कि दिल्ली में नल के पानी की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए जल्दी ही केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय, दिल्ली सरकार, दिल्ली जल बोर्ड, इस्पात, जल संसाधन व स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय मानक ब्यूरो के साथ उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्रालय बैठक बुलायेगा।
केंद्रीय मंत्री भारतीय मानक ब्यूरो के अधीन विभिन्न प्रयोगशालाओं और उनके कामकाज की निगरानी प्रणाली की समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
पासवान ने कहा कि राजधानी में नलों से आपूर्ति किये जाने वाले पानी गुणवत्ता के मानक तय हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं होता है। उनका कहना है कि नल वाले पानी की गुणवत्ता का मानक निर्धारित है, लेकिन शायद ही किसी शहरी निकाय में इसे लागू किया जाता है।
स्वास्थ्य के लिए सबसे अहम पेयजल की गुणवत्ता की खराब स्थिति पर चिंता जताते हुए पासवान ने कहा कि इसे लेकर हम बेहद गंभीर हैं। जल्दी ही सभी पक्षकारों को बुलाकर विचार-विमर्श किया जाएगा।
पासवान ने कहा कि नल के पानी का मानक स्वैच्छिक होने के नाते शायद ही कहीं इसका पालन होता है। उन्होंने कहा ‘दिल्ली के नलों से आने वाले पानी की गुणवत्ता को बिना जांचे ही खराब कहा जा सकता है। यहां के नलों से कभी पीले तो कभी नीले रंग का पानी निकलता है। हालांकि उन्होंने बोतल बंद पानी को गुणवत्ता आधारित बताया।