हिन्दी-भाषी राज्यों के आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के सवा छह लाख स्वीकृत पद खाली पड़े हैं। इसमें भी दो तिहाई खाली पद सिर्फ दो राज्यों यूपी और बिहार में हैं। समग्र शिक्षा अभियान के तहत होने वाले राज्यों की कार्यक्रम अनुमोदन बोर्ड (पीएबी) की बैठक में राज्यों की ओर से दिए गए नवीनतम आंकड़ों से ये खुलासा हुआ है।
हिन्दी भाषी राज्यों में हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान में स्थिति यूपी-बिहार की तुलना में काफी बेहतर है। दक्षिण भारतीय राज्य केरल और तमिलनाडु अन्य मामलों की तरह इसमें भी अव्वल हैं। पीएबी में पेश आंकड़े बताते हैं कि हिन्दीभाषी राज्यों में शिक्षकों के कुल 622844 स्वीकृत पद खाली पड़े हुए हैं। इसमें से 393804 पद यूपी और बिहार में खाली हैं।
इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश में जहां शिक्षकों के 180998 पद खाली पड़े हैं (कुल स्वीकृत पदों का 31.22 फीसदी), वहीं दूसरी तरफ इस राज्य में 78 हजार 372 शिक्षक बिना किसी जरूरत स्कूलों में तैनात हैं।
शिक्षकों की कमी के चलते राज्य के 90 फीसदी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम तीन विषयों के शिक्षक मौजूद नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के 41 फीसदी प्राथमिक स्कूलों और 42 फीसदी उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक-शिष्य अनुपात बुरी तरह बिगड़ा हुआ है।
झारखंड: 37.62 फीसदी पद खाली
झारखंड में एलिमेंटरी शिक्षकों के 37.62 फीसदी पद खाली पड़े हैं। इसी तरह, बिहार में शिक्षकों के 212806 पद खाली हैं, जो कि कुल स्वीकृत पदों का 35.91 फीसदी है। शिक्षकों की कमी के चलते 37.5 फीसदी उच्च प्राथमिक स्कूलों में कोई भी विषय शिक्षक नहीं हैं।
हरियाणा : नियुक्ति के मामले में स्थिति बेहतर
खराब लैंगिक अनुपात के लिए बदनाम हरियाणा शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र से आगे है और केरल-तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों की बराबरी कर रहा है। यहां के आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के मात्र 3.33 फीसदी पद ही खाली पड़े हैं।
हिंदी भाषी राज्यों में आठवीं तक के सरकारी स्कूलों की स्थिति
राज्य स्वीकृत पद खाली पद फीसदी
यूपी 579622 180998 31.22
बिहार 592541 212806 35.91
झारखंड 186865 70296 37.62
छत्तीसगढ़ 163728 38592 23.57
मध्यप्रदेश 363099 74355 20.47
उत्तराखंड 46053 7005 15.21
राजस्थान 283416 36589 12.90
हरियाणा 66131 2203 3.33
गैर-हिंदीभाषी राज्यों की स्थिति
राज्य स्वीकृत पद खाली पद फीसदी
केरल 126382 1371 1.08
तमिलनाडु 147913 2362 1.59
गुजरात 217106 4219 1.94
कर्नाटक 182783 11774 6.44
महाराष्ट्र 324801 23563 7.25