पश्चिम बंगाल के हुगली की रहने वाली राष्ट्रीय स्तर की महिला तैराक के साथ यौन शोषण (sexually molested) की घटना हुई है. आरोप है कि उसका यौन शोषण उसके कोच ने किया है.
इस मामले का संज्ञान लेते हुए खेल मंत्री किरन रिजिजू ने जानकारी दी है कि गोवा स्विमिंग एसोसिएशन ने आरोपी कोच सुरजीत गांगुली का कांट्रेक्ट रद्द कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि वह स्विमिंग फेडरेशन से बात करेंगे कि आरोपी कोच को देश में कहीं भी नौकरी ना दी जाए. यह सभी फेडरेशन और अन्य संस्थाओं में लागू होगा.
हुगली की रहने वाली 15 साल की राष्ट्रीय स्तर की तैराक ने उसके साथ हुए यौन शोषण का खुलासा फेसबुक पर किया है. यह खिलाड़ी गोवा की तरफ से तैराकी करती थी. राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर भी उसने कई पदक जीते. बंगाल में सुरजीत गांगुली उनके कोच थे और बाद में 2017-18 में सुरजीत बंगाल छोड़ गोवा चले गए.
इसी साल मार्च के महीने में अपने पिता, मां और दीदी के साथ यह तैराक गोवा चली गई. वहीं पर इस तैराक को राजकोट में आयोजित एक प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रैक्टिस का कम समय मिला. उसने प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. 15 साल की यह तैराक कई सपने लेकर आई थी लेकिन उसका मनोबल टूटता रहा.
कुछ दिनों से ही स्विमिंग पूल में ध्यान से प्रैक्टिस नहीं कर पा रही थी और ना ही अच्छा परफॉर्म कर रही थी. इसके चलते उसके पिता ने भी उसको मारा पीटा क्योंकि उसके पिता सिर्फ अपनी बच्ची के भविष्य के लिए बंगाल छोड़ महीनों तक गोवा में रुके हुए थे. तैराक बच्ची ने बाद में इस बात का खुलासा अपनी मां से किया कि उसका कोच उसका यौन शोषण करता था.
इस भयानक घटना के बाद तैराक और उसका परिवार वापस हुगली आ गए और वहा पहुंचकर रिशड़ा थाने में शिकायत करने गए लेकिन थाने ने शिकायत लेने से मना कर दिया. पिता के अनुसार उसके बाद कल देर रात को एक लिखित शिकायत पुलिस को दी गई है जिसके बाद आज तैराक बच्ची और उसके परिवार को थाने में बुलाया गया.
बच्ची के पिता ने कहा कि उनकी बच्ची ने बचपन से ही सुरजीत गांगुली से स्विमिंग सीखी. उसी की बदौलत राष्ट्रीय स्तर पर तैराकी की है. साल 2018 में सुरजीत गांगुली बंगाल छोड़ गोवा चले गए और बेटी की ज़िद थी कि सुरजीत के अलावा किसी और से वो ट्रेनिंग नहीं लेगी.
उसके बाद मैंने सुरजीत गांगुली से बात की तब उसने कहा कि आप बंगाल छोड़ गोवा शिफ्ट हो जाइये. मैं आपकी बच्ची का भविष्य उज्जवल कर दूंगा. इसी वजह से मैं बेटी को गोवा लेकर गया. हमें कभी मालुम ही नहीं था कि एक कोच अपने शिष्य के साथ इस तरह का व्यवहार कर सकता है. मैं थाने में आया हूं कि उसको जेल हो.