शास्त्रों में मनुष्य के जीवन से संबंधित हर कार्य के लिए अाचार-व्यवहार एवं नियम बनाए गए हैं और बताया गया है कि इन नियमों का पालन करने से जहां मनुष्य अपना जीवन सुखी बना सकता है वहीं मोक्ष पाने का भी अधिकारी होता है। जो मनुष्य इन बातों की अनदेखी करके मनमाने तरीके से जीवन को भोगते हैं वह अपने इस जीवन को तो खराब करते ही है अगले जन्मों में भी उन्हें दुख भोगना पड़ता है।

ब्रह्मवैवर्त पुराण के श्रीकृष्णखंड में उल्लेख आया है कि दिन के समय और सूर्योदय, सूर्यास्त के समय स्त्री पुरुष को यौन संबंध से बचना चाहिए। ऐसा करने से अगले सात जन्मों तक व्यक्ति रोगी होता है और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
इनके अलावा कुछ और तिथियां भी हैं जिनमें व्यक्ति को यौन संबंध से बचना चाहिए। जिसका जिक्र महाभारत के अनुशासन पर्व में किया गया है।
अनुशासन पर्व के अनुसार अमावस्या तिथि में स्त्री पुरुष को मिलन से बचना चाहिए क्योंकि इस तिथि में मिलन से व्यक्ति को नीच योनि जैसे कीट, पशु, कीड़े के रूप में जन्म मिलता है साथ ही नर्क भी भोगना पड़ता है।
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