बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार कड़े कदम उठाती नजर आ रही है। इसी दिशा में केंद्रीय सर्तकता आयोग (CVC) ने 50 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी को लेकर एक निर्णय लिया है।
सीवीसी ने इस तरह की बैंक धोखाधड़ी की जांच और कार्रवाई के संबंध में सिफारिश के लिए सलाहकार बोर्ड का गठन किया है। इस बोर्ड का नाम एडवाइजरी बोर्ड फॉर बैंकिंग फ्रॉड (ABBF) है।
सीवीसी के आदेश के मुताबिक चेयरमैन और सदस्यों के कार्यकाल की अवधि दो साल रहेगी। इन पदों पर नियुक्ति 21 अगस्त 2019 से लागू हो गई है। ABBF वित्तीय प्रणाली की समय-समय पर समीक्षा भी करता रहेगा। आरबीआई इसके लिए ABBF को जरूरी मदद प्रदान कराएगा।
सीवीसी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 50 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी वाले केस ABBF को भेजेंगे। एडवाइजरी बोर्ड फॉर बैंकिंग फ्रॉड मामलों की पड़ताल करेगा और फिर बोर्ड की सिफारिश पर बैंक धोखाधड़ी के मामलों में आगे कार्रवाई करेंगे।