अफगानिस्तान में 18 साल से जारी खूनी संघर्ष को खत्म करने के लिए अमेरिका और तालिबान के बीच कतर की राजधानी दोहा में गत गुरुवार से नौवें दौर की शांति वार्ता चल रही है।

यह उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों पक्ष समझौते के बेहद करीब पहुंच गए हैं और आने वाले कुछ दिनों में इस पर मुहर लग सकती है।
कुछ दिनों के अंदर ही होगा समझौता
तालिबान के पूर्व सदस्य अब्दुल सलाम जरीफ के हवाले से कहा कि उनका संगठन और अमेरिका कुछ दिनों के अंदर ही समझौते को अंतिम रूप दे देंगे। अमेरिका के साथ होने वाले इस शांति समझौते पर तालिबान के उप सरगना मुल्ला अब्दूल गनी बरादर हस्ताक्षर करेंगे।
बीती सदी के अंतिम दशक के आखिर में जरीफ ने तालिबान के दूत के तौर पर पाकिस्तान में काम किया था। उस दौर में अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था। उन्होंने बताया कि अमेरिका और तालिबान के बीच इस बात को लेकर सहमति बन गई है कि अफगानिस्तान से विदेशी बलों की वापसी 15 से 24 महीने के अंदर हो जाएगी। जरीफ के अनुसार, समझौते में तालिबान की ओर से चीन, रूस और पाकिस्तान गारंटी देंगे। दोनों पक्षों में शांति समझौता होने के एक हफ्ते के अंदर अफगान सरकार के साथ वार्ता शुरू हो जाएगी।
दिसंबर से चल रही वार्ता
दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच गत दिसंबर से ही शांति वार्ता चल रही है। इसमें अमेरिकी पक्ष की अगुआई विशेष दूत जालमे खलीलजाद कर रहे हैं, लेकिन तालिबान के विरोध के चलते इस वार्ता में अफगान सरकार को शामिल नहीं किया गया है।
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