इस बार का जी7 शिखर सम्मेलन भारत के लिए बेहद खास होने वाला है. ऐसा हम नहीं रिपोर्ट बता रही है. शिखर सम्मलेन के लिए फ्रांस पहुंचे PM मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के साथ साझा किये अपने बयानों मे भारत के अहम् मुद्दों को जगह दी है.

अपने इस बयान में PM मोदी ने जलवायु परिवर्तन और भारत के प्रकृति से तालमेल जैसे मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किये. जिन्हें फ्रांस ने सराहा है. PM मोदी ने कहा है कि हमारी दोस्ती किसी स्वार्थ पर नहीं, बल्कि ‘लिबर्टी, इक्वलिटी और फ्रेटरनिटी’ के ठोस आदर्शों पर टिकी है। यही कारण है भारत और फ्रांस ने कंधे से कंधा मिलाकर आजादी और लोकतंत्र की रक्षा की है।
फ्रांस के राष्ट्रपतिइमैन्यूल मैक्रों ने साझा बयान के दौरान भारत के साथ अपने संबंधों को और बेहतर बनाने की बात कही। उन्होंने भारत के साथ परमाणु परियोजना पर कहा कि अगर हम परमाणु प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हैं, तो इस साल के अंत तक जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना पर चर्चा होगी, ताकि हम इसे आगे बढ़ा सकें।
जी-7 बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएम मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त भाषण देने के दौरान कहा कि भारत और फ्रांस की दोस्ती दशकों पुरानी और नि:स्वार्थ है और भविष्य में लगातार एक दूसरे का सहयोग करते रहेंगे। भारत जी-7 में फ्रांस की कामयाबी के लिए पूरा साथ देगा। दोनों देशों के बीच दो दशकों से सामरिक रणनीतिक साझेदारी है।
पीएम ने कहा साल 2022 तक भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ होगी और तब तक न्यू इंडिया को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना। ऐसे में फ्रांस का सहयोग काफी अहम रहेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद और कट्टरवाद है। दोनों ही देश इससे जूझ रहे हैं।
उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि क्रॉस बार्डर आतंकवाद से लड़ने में फ्रांस ने भारत का साथ दिया है। इसके लिए भारत फ्रांस का आभारी है। दोनों देश साइबर सिक्यूरिटी और मैरीटाइम में सहयोग करेंगे।
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