निवेश में जोखिम उठाने का खतरा हर कोई नहीं ले पाता है। खास तौर पर भारत जैसे देश में लोग कम से कम जोखिम वाले सेक्टर में ही अपना पैसा निवेश करना पसंद करते हैं। इसके लिए कुछ ऐसी सरकारी निवेश योजनाएं हैं जिनमें आपका पूंजीगत निवेश 100 फीसद सुरक्षित रहता है। इन सरकारी योजनाओं में जोखिम शून्य होता है। आइए आज हम आपको ऐसी ही कुछ योजनाओं के बारे में बताते हैं।
1. सेविंग (कर योग्य) बॉन्ड्स, 2018
कोई भी भारत सरकार के 7.75 फीसद सेविंग (करयोग्य) बॉन्ड्स में निवेश कर सकता है। ये 7 साल के समय के लिए होते हैं। इन बॉन्ड्स में निवेश करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। इस योजना में ब्याज आय का भुगतान अर्द्धवार्षिक या मैच्योरिटी पूरी होने पर लिया जा सकता है। इस योजना में बॉन्ड्स की मैच्योरिटी वैल्यू प्रत्येक 1,000 रुपये के निवेश के लिए मूल राशि और ब्याज सहित 1,703 रुपये होनी चाहिए।
2. सरकारी प्रतिभूतियां
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने RBI के साथ सहयोग से खुदरा निवेशकों के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में E-Gsec प्लेटफॉर्म पर निवेश को संभव बनाया है। यह लंबी अवधि की प्रतिभूति होती है और साल में दो बार ब्याज का भुगतान करती है। सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश जोखिम मुक्त होता है। खुदरा निवेशक एनएसई के सदस्यों के माध्यम से या एनएसई के GOBID मोबाइल ऐप के जरिए या वेब प्लेटफॉर्म पर बॉन्ड के लिए बोली लगा सकते हैं। बोली के लिए न्यूनतम राशि 10,000 रुपये होगी।
3. टैक्स-फ्री बॉन्ड्स
इस तरह के बॉन्ड्स सरकार द्वारा शासित संस्थाओं जैसे भारतीय रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IRFC), पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PFC), नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI), हाउसिंग एंड अरबन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HUDCO), रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (REC), एनटीपीसी लिमिटेड और इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा जारी किये जाते हैं। यदि नया बॉन्ड जारी नहीं हो रहा हो, तो कोई भी स्टॉक एक्सचेंज पर जाकर बेच या खरीद सकता है। सामान्यत: कर मुक्त बॉन्ड्स 10,15 और 20 सालों की लंबी अवधि के निवेश के लिए होते हैं।
4. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
सुकन्या समृद्धि योजना एक 21 वर्षीय योजना है। यह योजना सिर्फ 10 साल से छोटी गर्ल चाइल्ड के लिए ही होती है। इस योजना में खाता खुलवाने के 21 सालों तक यह योजना रहती है। इस योजना में पेरेंट्स को पहले 15 सालों तक योजना में पैसा जमा करना होता है और अंतिम 6 सालों में पैसा जमा करने की आवश्यकता नहीं होती। केवल मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में ही इस योजना से बीच में पैसा निकाला जा सकता है। सुकन्या समृद्धि योजना में आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट ली जा सकती है। यहां तक कि ब्याज आय भी टैक्स फ्री होती है।
5. अटल पेंशन योजना (APY)
अटल पेंशन योजना का प्रबंधन पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा किया जाता है। एपीवाई में 18 से 40 साल तक का कोई भी भारतीय नागरिक शामिल हो सकता है। इस योजना के सदस्य को 60 साल की आयु के बाद 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की मासिक पेंशन मुहैया कराई जाती है। पेशन की यह राशि सद्स्य के प्रीमियम योगदान पर निर्भर करती है। अटल पेंशन योजना में किसी भी स्तर पर टैक्स छूट का लाभ नहीं है।