पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग
अगर आप बर्ड वाचिंग के शौकीन हैं तो हरियाणा के सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में बना सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण आपही के लिए है। यह जगह पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां निवासी और प्रवासी दोनों तरह दुर्लभ पक्षियों को देखा जा सकता है।
विशेष रूप से इस मौसम को यहां की सैर के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यहां सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले पक्षियों में उत्तरी पिंटेल, ग्रेटर फ्लेमिंगो, कॉमन टील और साइबेरियन क्रेन शामिल हैं।
दूर दूर से आते हैं ये खूबसूरत मेहमान
प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियां अविश्वसनीय दूरी तय करके यहां पहुँचती हैं। ये पक्षी यूरोप, साइबेरिया और मध्य एशिया में ठंड बढ़ने और जमीन तथा झीलों के बर्फ से जम जाने के कारण अपने नए घर की तलाश में यहां आते हैं। प्रवासी पक्षी सितंबर में पार्क में पहुंचना शुरू कर देते हैं और मार्च, अप्रैल तक यहां ठहरते हैं। कहते हैं यहां करीब 250 पक्षी प्रजातियों की आती हैं।
सौ बरसों का इतिहास
हालाकि ये कहा जाता है कि गुरूग्राम से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुल्तानपुर झील करीब सौ से अधिक सालों से पक्षियों को आकर्षित करती आ रही है। लेकिन 1972 में इसे पक्षी अभ्यारण्य के रूप में घोषित किया गया और इस अभ्यारण्य को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा सन् 1989 में मिला।इस काम में स्वर्गीय प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। खास बात ये है कि बाद में इंदिरा गाँधी को गिरफ़्तारी करके यहीं के वन विश्राम घर में कैदी बना कर रखा गया था।