अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शनिवार सुबह गेट से एंट्री को लेकर सुरक्षा गाडरें और मजदूरों में कहासुनी हो गई। देखते ही देखते सुरक्षा गार्ड और मजदूर आपस में भिड़ गए। इस बीच कुछ मजदूर एम्स के टाइम ऑफिस पहुंच गए और वहा पर टाइम ऑफिस को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया। फिलहाल पुलिस तैनात कर दी गई है। मजदूरों के गुस्से को देखते हुए ठेकेदार भी मौके से भाग निकले हैं। इस विवाद के बाद एम्स निर्माण का कार्य ठप हो गया है। एम्स निर्माण में करीब 2200 मजदूर काम करते हैं।
पिछले एक साल से एम्स निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके लिए यहा पर काम करने वाले मजदूरों को अब तक गेट नंबर एक से प्रवेश दिया जाता था। तीन दिन पहले सिंघड़िया की ओर से एक गेट खोला गया था। इस गेट का रास्ता भी ठीक नहीं था। शनिवार सुबह कुछ मजदूर गेट नंबर एक से एंट्री करने पहुंचे। आरोप है कि सुरक्षा गाडरें ने उन्हें पिछले गेट से एंट्री करने को कहा। हालाकि कुछ लोगों का कहना है कि मजदूर हेलमेट नहीं लगाए थे। इसको लेकर सुरक्षा गार्ड उन्हें रोक रहे थे। इसी बात को लेकर पहले तू-तू मैं-मैं हुआ उसके बाद विवाद शुरू हो गया। मारपीट होते देख बाकी मजदूर भी इकट्ठा हो गए। उन्होंने गार्ड को बुरी तरह से पिटाई शुरू कर दी। जबकि कुछ मजदूर एम्स के टाइम आफिस में घुस गए। वहां पर उन्होंने कागजों को फाड़ डाला। कंप्यूटर को पलट दिया। मारपीट और टाइम आफिस में तोड़फोड़ की सूचना पर कई थानों की पुलिस को वज्र वाहन मौके पर भेजा गया। तब जाकर मामला शांत हो पाया। फिलहाल एम्स में गुस्साए मजदूरों ने काम ठप कर दिया है। अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और मजदूरों से बातचीत चल रही है।