ऑयल ब्लॉक नीलामी में सरकारी कंपनियों ने मारी बाजी

ऑयल ब्लॉक की नीलामी के ताजा चरण में सरकारी कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआइएल) व ओएनजीसी और निजी कंपनी वेदांता ने मंगलवार को लगभग सभी ब्लॉक अपने नाम कर लिए। ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) के चरण दो और तीन के विजेताओं ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में सरकार के साथ उत्खनन और उत्पादन समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस मौके पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि तेल एवं गैस का अधिक से अधिक उत्पादन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकता है। ओएएलपी-दो और तीन में एक अरब डॉलर (करीब 69 अरब रुपये) का निवेश होने की उम्मीद है। दोनों चरणों में कुल 32 ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन ब्लॉक की नीलामी हुई। इसमें से ओआइएल ने 12 ब्लॉक के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया।

वेदांता लिमिटेड ने 10 ब्लॉक के लिए और ओएनजीसी ने आठ ब्लॉक के लिए हस्ताक्षर किए। रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटिश कंपनी बीपी पीएलसी के कंसोर्टियम ने एक मात्र केजी बेसिन ब्लॉक के लिए और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने भी एक ब्लॉक के लिए हस्ताक्षर किए। डायरेक्टर जनरल ऑफ हाइड्रोकार्बन के मुताबिक ओएएलपी-दो में 14 ब्लॉक की नीलामी की गई, जिसमें से छह ब्लॉक ओआइएल ने ले लिए। वेदांता ने पाचं ब्लॉक लिए।

जबकि रिलायंस-बीपी, ओएनजीसी और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को एक-एक ब्लॉक मिला। ओएएलपी-तीन में ओएनजीसी को सात, ओआइएल को छह और वेदांता को पांच ब्लॉक मिले। तीसरे चरण में 18 ऑयल एंड गैस ब्लॉक और पांच कोल बेड मीथेन (सीबीएम) ब्लॉक पेश किए गए थे। सीबीएम ब्लॉक के लिए कोई बोली नहीं मिली। ओएएलपी- दो और तीन दोनों चरणों के लिए बोली की प्रक्रिया 15 मई को समाप्त हो चुकी थी।

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