मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स जिले में स्थित है नोकरेक नेशनल पार्क। 47.48 वर्ग किमी में फैले इस पार्क का नाम गारो जिले की सबसे ऊंची चोटी नोकरेक पर रखा गया है। ऊंचाई पर स्थित पार्क की खूबसूरती बढ़ाने का काम करते हैं पेड़-पौधों का घना जंगल। जिसमें कई प्रकार के दुर्लभ वनस्पतियों और जानवरों को देखा जा सकता है। नोकरेक नेशनल पार्क एक बायोस्फियर रिजर्व भी है जिसे नोकरेक बायोस्फियर रिजर्व के नाम से भी जाना जाता है।

नोकरेक नेशनल पार्क की खासियत
इस नेशनल पार्क ने कई पेड़-पौधों और जीवजन्तुओं को सुरक्षित रखा है। वातावरण के साथ ही यहां उनके खाने-पीने के लिए भी पर्याप्त मात्रा में चीज़ें मौजूद हैं।
पेड़-पौधे
नोकरेक के घने जंगलों में ऑर्किड, सफेद मेरांति, चेम्पाका, भव्य रसमाला और जंगली नींबू पाए जाते हैं। पार्क में साइट्रस इंडिया के लुप्तप्राय होने की कगार पर पहुंच चुके पेड़ भी हैं।
जीव-जन्तु
हाथी, लाल पांडा, अलग-अलग प्रकार के बिलाव, हूलोक गिबन,सेरो, पांगोलिन, जंगली भैंस, गोल्डन बिल्ली, हॉर्नबिलस, मोर, फिजेंट, होलॉक, तेंदुए, लंगूर जैसे कई जानवरों को देखा जा सकता है।
नोकरेक नेशनल पार्क में आएं तो यहां की कुछ लोकप्रिय जगहों की सौर बिल्कुल भी मिस न करें। नोकरेक चोटी और रोंगबांग वॉटरफाल्स देखने वाली काफी अच्छी जगहें हैं। नेपाक लेक और सीजू केव को देखने को मौका बिल्कुल न मिस करें। सीज़ू गुफा में पानी भरा रहता है। तो यहां संभलकर जाएं।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग
यहां तक पहुंचने का सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट गुवाहाटी है जहां से इस नेशनल पार्क की दूरी 140 किमी है। एयरपोर्ट सड़कमार्ग से भली-भांति जुड़ा हुआ है तो आप आराम से टैक्सी लेकर अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग
अगर आप ट्रेन से आने की प्लानिंग कर रहे हैं तो गुवाहाटी नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से ये नेशनल पार्क 160 किमी दूर है।
सड़क मार्ग
नोकरेक नेशनल पार्क गुवाहाटी के ज्यादातर शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। जहां के लिए सरकारी और प्राइवेट बसों दोनों तरह की बसें अवेलेबल हैं।
कब आएं
अक्टूबर से मई तक का महीना नेकरेक नेशनल पार्क को एक्सप्लोर करने के लिए है बेस्ट।
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