‘बात 1997 की है, आज से तकरीबन 22 साल पहले की। रांची में स्कूल लीग के मैच चल रहे थे। फाइनल में सलामी जोड़ी शब्बीर हुसैन और महेन्द्र सिंह धौनी क्रीज पर टिके हुए थे। दोनों के बल्ले बरस रहे थे। 35 ओवर बीतने पर 376 रन की साझेदारी हो चुकी थी। सबने तारीफ की। सब सामान्य सा ही था, लेकिन अगले दिन जब अखबार पढ़े, तो पता चला कि हम दोनों सचिन और कांबली का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में ये कीर्तिमान दर्ज हुआ।
धौनी के साथ रिकॉर्ड साझेदारी करने वाले वो बल्लेबाज थे शब्बीर हुसैन। बचपन से ही धौनी और शब्बीर साथ में क्रिकेट खेलते आए। रेलवे में भी दोनों का साथ ही सलेक्शन हुआ। एक सितारा बना और टीम इंडिया की कमान संभाली। दूसरा आज भी रांची, पटना में क्रिकेट खेल रहा है, सिखा रहा है, अब कोच के लिए भी लैवल फर्स्ट क्वालिफाई कर लिया है। शब्बीर कहते हैं कि ये मलाल की बात नहीं कि मैं इंडिया नहीं खेल पाया ,ये फख्र की बात है कि रांची का एक लड़का टीम इंडिया की शान बना। धौनी के बड़ा स्टार बन जाने से आज झारखंड को एक पहचान मिली है। हमारे समय में पढ़ना पहले होता था, खेलना बाद में। अब धौनी के बाद पेरेन्ट्स अवेयर हुए हैं अच्छा खेलने वाले बच्चों पर कोई और प्रैशर नहीं होता। मां बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा भी आगे आए, इंडिया खेले।
जब शब्बीर से ये सवाल पूछा गया कि स्टेट में बड़ा नाम सामने होने पर बैंचमार्क भी बड़ा हो जाता है, स्ट्रगलर्स की चुनौतियां ज्यादा बढ़ जाती हैं। उनका कहा कि नहीं, ऐसा नहीं है। बैंचमार्क हमेशा सामने होते हैं। ऐसा भी नहीं है कि धौनी का नाम बहुत हो गया,तो दूसरे नए क्रिकेटर्स के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी। बल्कि उससे तो फायदा ही मिलेगा। अभी रांची में श्यामकिशन, मोनू बहुत अच्छा खेल रहे हैं। उनके लिए बैंचमार्क टीम इंडिया में सलेक्ट होना ही है, बाकि कुछ नहीं। धौनी हमेशा अपना बैंचमार्क बड़ा करता चला है। वो कभी सक्सेस से संतुष्ट नहीं होता। सिंसियरली अगले बैंचमार्क की तैयारी में जुट जाता है.
कैप्टन कूल कहलाए जाने वाले धौनी की ये कूलनैस शुरू से ही रही है। आप कह सकते हैं वो बाय बर्थ ही कूल है। वो गेम को बहुत जल्दी रीड कर लेता है। शब्बीर कहते हैं कि स्कूल क्रिकेट में वो कप्तान हुआ करते थे। धौनी कभी भी पास आकर धीरे से कह देता था, फील्डर की पोजीशन सही नहीं है। वो शुरू से ऐसा ही है। वर्ल्ड कप अभ्यास मैच में बांग्लादेश के साथ फील्डिंग को लेकर जो उसका सजेशन था, यही उसका स्टाइल है, धौनी की धीर गंभीरता के सवाल पर शब्बीर का ये जवाब था। शब्बीर चाहते हैं टीम इंडिया फिर से वर्ल्ड कप लाए, इस वर्ल्ड कप के लिए उन्होंने अपने दोस्त और टीम इंडिया के लिए ये संदेश दिया है- आल द बेस्ट. धौनी। तुमने 2011 में वर्ल्ड कप दिलाया। 2019 में भी दिलाना है।