सर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए आजा प्यारे पास हमारे काहे घबराए, कुछ इसी गाने के अंदाज में भारतीय रेलवे पहली बार चलती ट्रेन में मसाज और मालिश की सुविधा देने जा रही है. पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने इंदौर से आने जाने वाली 39 ट्रेनों में मालिश और चंपी की सेवा शुरू करने का एलान किया है.
यात्रियों को यह सुविधा 15 से 20 दिनों के अंदर मिलने लगेंगी. ट्रेनों में लंबा सफर करने वाले यात्रियों के लिए रेलवे के इस कदम को काफी सराहा जा रहा है. रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इससे यात्रियों की सुविधा के साथ रेलवे को भी प्रतिवर्ष लगभग रु. 20 लाख की अतिरिक्त आय के साथ ही करीब रु. 90 लाख की अतिरिक्त टिकट की भी बिक्री होने का अनुमान लगाया गया है.
यह सेवा फिलहाल इंदौर से चलने वाली सिर्फ 39 ट्रेनों में ही उपलब्ध होगी. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि देहरादून-इंदौर एक्सप्रेस (14317), नई दिल्ली-इंदौर इंटरसिटी एक्सप्रेस (12416) और इंदौर-अमृतसर एक्सप्रेस (19325) जैसी अहम ट्रेनें भी इसमें शामिल हैं. रेलवे के समक्ष यह प्रस्ताव पश्चिमी रेलवे जोन के रतलाम डिवीजन ने रखा था. इसके लिए हर गाड़ी में 3 से 4 ट्रेंड मसाज करने वाले रखे जाएंगे
रेलवे में मसाज सर्विस से सरकार को भारी लाभ मिल सकता है. इससे न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि ज्यादा से ज्यादा यात्री रेलवे से जुड़ेंगे. एक अनुमानित आंकड़े के मुताबिक इससे रेलवे को सालाना 20 लाख रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.
रेलवे विभाग के मीडिया और संचार अधिकारी राजेश बाजपेयी ने बताया कि पहली बार इस तरह के किसी कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि 15 से 20 दिनों के अंदर सुबह 6 से रात 10 बजे तक यह सेवा दी जाएगी. हर ट्रेन में तीन से पांच मसाज देने वाले तैनात किए जाएंगे.
कितनी हो सकती है मसाज फीस-
यात्रियों को सिर और पैर की मसाज के लिए 100 से लेकर 300 रूपए तक का भुगतान करना पड़ सकता है. रेलवे में मसाज का लुत्फ उठाने के लिए पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा. दगोल्ड स्कीम में मालिश करने वाला 15 से 20 मिनट तक जैतून या कम चिपकने वाले तेल से मालिश करने की फीस 100 रु. तो वहीं डायमंड मसाज के तहत तेल और क्रीम के साथ 200 रु. का शुल्क लिया जाएगा. तो वहीं प्लैटिनम स्कीम के तहत खास तरीके के तेल और क्रीम के साथ मसाज और चंपी करने का 300 रु. वसूला जाएगा.