वैज्ञानिकों ने एक अंगूर के आकार की ब्लूटूथ मेडिकल डिवाइस विकसित की है। जिसे शरीर में इम्प्लांट करने पर बाहर से कंट्रोल किया जा सकेगा। इसके माध्यम से उन लोगों को फायदा मिलेगा जिनको पुरानी बीमारियां हैं और नियमित अंतराल के बाद दवाइयां लेनी पड़ती हैं। ये बीमारियां गठिया, मधुमेह और हृदय रोग की हो सकती हैं। नई डिवाइस तय समय पर अपने आप ही दवा शरीर में पहुंचा देगी। अमेरिका के ह्यूस्टन मेथॉडिस्ट हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने इस डिवाइस का उपयोग करते हुए मरीजों में समय पर और तय खुराक पहुंचाने का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
इस विधि को नैनो चैनल डिलीवरी सिस्टम (एनडीएस) नाम दिया गया है। बैटरी से चलने वाले इस इम्प्लांट में एक माइक्रोचिप होती है जो ब्लूटूथ का काम करती है। यह डिवाइस एक साल तक बिना चार्ज किए, और बिना रिफिल किए रोगियों को दवा मुहैया करा सकती है। उन्होंने बताया कि अगले साल इस शोध का परीक्षण अंतरिक्ष में किया जाएगा। ‘लैब आन ए चिप’ नामक पत्रिका में इस अध्ययन को प्रकाशित किया गया है। ह्यूस्टन मेथॉडिस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के एलेसेंड्रो ग्राटोनी ने बताया कि यह ड्रग इम्प्लांट भविष्य में मरीजों की कई मुश्किलें आसान करेगा। यह रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार और स्वास्थ्य खर्चे पर कमी दोनों प्रदान करेगा।
यह उनके शोध का प्रथम चरण है वह ऐसे नैनो चैनल डिलीवरी सिस्टम पर काम कर रहे हैं, जिसके माध्यम से एचआइवी और कैंसर तक में रोकथाम लगाई जा सके। उन्होंने बताया कि वह अपनी इस नई तकनीक का अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में अगले साल परीक्षण करेंगे। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि एक दिन चिकित्सकों के पास पर्याप्त रूप से यह अवसर होंगे कि वह टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों का उपचार कर सकें।