पुलिस अभिरक्षा में युवक शिवम की मौत का मामला गरमा गया है। परिजनों के दबाव के बाद पुलिस ने बैरागढ़ थाने के टीआई समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड तो कर दिया है, लेकिन परिवार उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहा है। इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंंत्री शिवराज सिंह चौहान आज पीड़ित के दिव्यांग माता-पिता से मिलने उनके घर पहुंचे। अपने इकलौते बेटे को खोने के गम में डूबे माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
ऐसे में शिवराज सिंह ने परिवार को ढांढस बंधाया।शिवराज सिंह ने साफ कर दिया है कि ये जघन्य अपराध है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने साफ कर दिया है कि, दिव्यांग मां-बाप के बेटे को पुलिस ने मार डाला। ये नीचता की पराकाष्ठा है। अपराधियों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। ऐसी घटना में न्यायिक जांच नहीं, सीबीआई जांच होनी चाहिए। जरा भी इंसानियत है, कमलनाथ जी तो सीबीआई जांच कराएं। इसे लेकर शुक्रवार को हम भारतमाता चौराहे पर धरना देंगे। अगर सरकार ने मांग नहीं मानी तो आगे लंबी लड़ाई होगी। परिवार से मुलाकात के बाद शिवराज सिंह ने कहा कि, इकलौते बेटे शिवम की मौत के बाद से ही पिता की हालत नाजुक है। उन्हें पैरालिसिस का अटैक आया है। फिर भी वो इलाज के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।
मां भी बोल और सुन नहीं सकती। लेकिन आह निकल रही है। मां को रोते देख कलेजा कांप जाता है। नरपिशाच थे, जिन्होंने ऐसी हरकत की है। शिवम ने किसी को मारा था, किसी की हत्या की थी, जो अपराधी हैं, वो पुलिस की पकड़ में नहीं आते, लेकिन जिनका कोई कसूर नहीं है, उनके साथ ऐसा बर्ताव किया गया। वो यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि, दुर्घटना के बाद शिवम को इलाज के लिए पुलिस अस्पताल ले जा सकती थी। लेकिन उसे अस्पताल ले जाने के बजाए थाने ले जाकर मारपीट की है। उसका शरीर नीला पड़ गया। पूरे शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। मध्य प्रदेश पुलिस में वहशी आ गए हैं।