अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। सिनेमा की चकाचौंध से सियासत की बुलंदी पर पहुंची जयललिता जयराम भले ही ख़ुद एक सुपर स्टार रही हों, लेकिन उनके दिल में भी कहीं एक फ़ैन छिपा हुआ था। राजनीति की ‘अम्मा’ अपने ज़माने के मशहूर क्रिकेटर नवाब मंसूर अली ख़ान पटौदी की इतनी ज़बर्दस्त फ़ैन हुआ करती थीं कि नवाब पटौदी की सगाई के बाद उनका दिल टूट गया था।
ये 1968 की बात है। जयललिता उन दिनों मुंबई में फिल्म ‘इज़्ज़त’ की शूटिंग कर रही थीं, जिसमें उनके हीरो धर्मेंद्र थे। ये एकमात्र हिंदी फ़िल्म है, जिसमें जयललिता ने अभिनय किया है। उस दौर में नवाब पटौदी क्रिकेट के सबस शाइनिंग स्टार होते थे और शर्मिला टैगोर के साथ उनका अफेयर रिश्ते में बदलने जा रहा था। उस दौर की एक मश्हूर फ़िल्म मैगज़ीन के संपादक हरीश तिवारी फ़िल्म की शूटिंग में मौजूद रहते थे। उन्होंने जयललिता की यादों को शेयर करते हुए बताया है कि जिस दिन शर्मिला से पटौदी की सगाई हुई थी। उस दिन जयललिता काफी दुखी रही थीं। यही नहीं उस दिन उन्होंने फ़िल्म की शूटिंग तक नहीं की थी। मतलब कोई शॉट तक नहीं दिया था। हरीश बताते हैं कि उन्होंने यह बात उस दिन बार-बार दोहराई थी कि वह पटौदी की फैन हैं।
हरीश तिवारी के मुताबिक़, ‘अम्मा’ काफी कम लेकिन मीठा बोलने वाले लोगों में से एक थीं और प्राइवेट पर्सन थीं। लेकिन जो उनके क्लोज़ थे उनकी बहुत इज़्ज़त भी करती थीं।