मुस्लिम समाज का पवित्र माह रमजान मंगलवार से शुरू हुआ. मुस्लिम समाज के लिए यह माह अपने मालिक से सीधे जुडने का महीना है. कहा जाता है जो इस महीने में रोजा रखते हैं उन्हें जन्नत के द्वार नसीब होते हैं.
रमजान 12 माह में सबसे पवित्र महीना होता है. अरबी भाषा में रम्ज से बना है. रम्ज का अर्थ जलाना (खत्म) करना होता है. रमजान महीना गुनाह को खत्म कर देता है और इंसान को पवित्र कर देता है. इसी महीने में मुस्लिम समाज की सबसे पवित्र किताब कुरआन आई थी. रमजान माह में रोजे रखना हर मुस्लिम का फर्ज होता है. इसी महीने में मुस्लिम समाज की सबसे पवित्र किताब कुरआन आई थी. रमजान माह में रोजे रखना हर मुस्लिम का फर्ज होता है. रोजे बीमार, बच्चे और मुसाफिर नहीं रख सकते है. जो मुस्लिम रोजा नहीं रखता है वो गुनाहगार होता है.
रमजान माह में इन कार्यों से बचना चाहिए- रमजान माह सबसे पवित्र होता है. ऐसे में कोई भी रोजेदार और मुस्लिम समाज का व्यक्ति नशे से दूर रहे. उन्होंने बताया कि गुटखा, तम्बाकू, शराब, नशीले पाउडर का उपयोग नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी रोजेदार और मुस्लिम को इन दिनों किसी भी अन्य जीव को परेशान, सताना और दुख नहीं देना चाहिए. अपने वाहनों से शहर की गलियों, चौराहे और अन्य मार्ग पर रातभर घूमते रहते है. ये शब्बे कद्र रात की तौहीन है. पूरे माह में सिर्फ एक रात शब्बे कद्र की होती है. इसका इंतजार सालभर रहता है.