पटना [जेएनएन]। प्यार का एेसा जुनून कि प्रेमिका बिना शादी किए प्रेमी के साथ पति-पत्नी की तरह रही। अपने प्रेमी का नाम अपने हाथ पर गुदवा लिया, लेकिन जब शादी की बात आई तो प्रेमी और उसके घर के लोग तैयार नहीं हुए। जब परिजन शादी ना करने की जिद पर अड़े रहे तो लड़की बरात लेकर प्रेमी के घर पहुंच गई।
शादी की डर से लड़का भाग खड़ा हुआ लेकिन दुल्हन जिद पर अड़ी रही कि अपना दूल्हा लेकर जाउंगी। वह उन्नीस दिन तक लड़के के घर के सामने धरने पर बैठी रही। अाखिरकार लड़का आया और दुल्हन की जिद पूरी हुई और उसने अपने दूल्हे के साथ सात फेरे लिए।
वर्षो से चल रहा था प्रेम-प्रसंग
पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के धनखरहिया निवासी लालबहादुर सहनी की पुत्री गीता कुमारी का प्रेम प्रसंग बैरिया थाने के तिलंगही निवासी केदार चौधरी के पुत्र दीपक कुमार से वर्षों से चल रहा था। शादी तय होने के बाद लड़का पक्ष द्वारा इनकार किए जाने पर 16 नवंबर को गीता अपने पूरे परिजनों के साथ बारात सजा कर लड़के के घर पहुंच गई थी। इसकी सूचना के बाद लड़का एवं उसके पिता घर से फरार हो गए थे।
ग्रामीणों ने दिया साथ, कहा – शादी करो
दो दिनों तक लड़के के दरवाजे पर अनशन पर बैठने के बाद गीता ने पुलिस का सहारा लिया लेकिन बात नहीं बनी। इधर, पूरा तिलंगाही गांव लड़की के पक्ष में था लड़की के वापस चले जाने के बाद ग्रामीणों ने एक राय होकर लड़का पक्ष पर दबाव डालना शुरू किया।
जिसके बाद लड़के के पिता ने फरार लड़का दीपक को बाहर से बुलवाया और शादी को राजी हुए। मंगलवार देर शाम करीब 7:00 बजे दूल्हे के साथ बारात मठ के लिए रवाना हुई और रात में दोनों की शादी सबकी मर्जी से संपन्न हुई।
शादी से किया इंकार, बरात लेकर पहुंची थी दुल्हन
हरसिद्धि थाने के धनखैरटिया गांव के लालबहादुर सहनी की बेटी गीता कुमारी की शादी बैरिया थाना के तिलंगहीं गांव के केदार चौधरी के बेटे दीपक चौधरी के साथ तय हुई थी। शादी की सारी तैयारी हो चुकी थी, लेकिन शादी के ठीक पहले वर पक्ष ने शादी से इनकार कर दिया। इसके बाद लड़की अपनी बरात लेकर लड़के के घर पहुंच गई।
गीता ने कहा कि उसके भाई की शादी दीपक की बहन से हुई है। रिश्तेदारी के नाते दीपक उससे मिलता था। वह अक्सर फोन करता था और मुझसे शादी करना चाहता था। मेरे इनकार करने पर दीपक ने जान देने की धमकी दी थी। इसके बाद मैं उससे शादी करने के लिए तैयार हो गई, लेकिन वह शादी के नाम पर सिर्फ मेरा फायदा उठाना चाहता था।
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पति-पत्नी की तरह रहते थे दोनों
हम दोनों का प्रेम संबंध 10 साल से चल रहा है। मैंने और दीपक ने पति-पत्नी बन कर जीवन बीमा कराया और आधार कार्ड भी बनवा रखा है। गीता ने कहा कि हम दोनों पति-पत्नी की तरह रहते थे। दीपक को पति मानकर मैंने अपने हाथ पर उसके नाम का गोदना भी गुदवाया लिया था, लेकिन वह कुछ दिनों बाद बदल गया।
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शादी करने से किया इंकार
उसने शादी करने से इनकार कर दिया। मामला पंचायत तक पहुंचा और पंचायत ने तय किया कि 2.20 लाख रुपए दहेज देकर शादी होगी। पंचायत के फैसले पर शादी का 16 नवंबर तय किया गया था। पंचायत के फैसले के बाद गीता के पिता ने दीपक के पिता को दहेज दे दिया, लेकिन उनलोगों ने पैसा लेने के बाद शादी से इनकार कर दिया था।