भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा मुस्लिमों से गठबंधन के पक्ष में एकतरफा मतदान की अपील के खिलाफ मंगलवार को चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है. बीजेपी की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश चुनाव प्रबंधन प्रभारी जेपीएस राठौर तथा प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर के नेतृत्व में मंगलवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिले प्रतिनिधिमण्डल ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा.
ये की मांग
ज्ञापन सौंपने के बाद राठौर और सोनकर ने बताया कि ज्ञापन के जरिए चुनाव आयोग से मायावती के विरूद्ध समुचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने और उनके भाषणों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.
BSP प्रमुख ने खराब किया चुनावी माहौल
दोनों नेताओं के अनुसार, पार्टी ने बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि बसपा प्रमुख द्वारा आगे भी इसी प्रकार की भाषणबाजी करके चुनाव का माहौल खराब करने, धार्मिक उन्माद फैलाने एवं मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की पूरी आशंका है इसलिए चुनाव आयोग तत्काल कदम उठाने चाहिए.
मायावती का दलित हितों से कोई लेना-देना नहीं
राठौर ने दावा किया कि सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन उत्तर प्रदेश में अवसरवादी दलों का गठबंधन है. जो जाति, धर्म और विद्वेष की राजनीति के साथ सत्ता हथियाना चाहता है. उन्होंने कहा कि बसपा नेता जमीनी सच्चाई जानने के बाद हताश होकर ऐसे बयान दे रही हैं. दलितों, शोषितो, वंचितों, गरीबों को वोट बैंक बनाकर हमेशा सत्ता में आने वाले ऐसे दलों का सच जनता जान गई है. सोनकर ने कहा कि दलितों के नाम पर सियासत करने वाली मायावती अब दौलत की राजनीति कर रही हैं. बसपा प्रमुख को दलित हितों से कोई लेना-देना नहीं है.