टीम इंडिया में वापसी की उम्मीदें लगाए बैठे युवराज सिंह इंडियन टी-20 लीग में इस बार मुंबई का हिस्सा है। बैंगलोर के खिलाफ चिन्नास्वामी स्टेडियम में गुरुवार रात खेले गए एक मुकाबले में फैंस को वही विंटेज युवराज नजर आए, जिस अंदाज के करोड़ों चाहने वाले हैं।
2007 टी-20 विश्वकप में युवराज सिंह का छह गेंदों लगातार छह छक्के कौन भूल सकता है। उस पारी से ‘सिक्सर किंग’ का तमगा हासिल करने वाला यह खिलाड़ी 12 साल बाद एक बार फिर कुछ उसी इरादे के साथ खेलता नजर आया। मगर इस बार सामने गेंदबाज स्टुअर्ड ब्रॉड नहीं बल्कि युजवेंद्र चहल थे।
दरअसल, मुंबई के खिलाफ बैंगलोर की पारी का 14वां और अपना तीसरा ओवर लेकर आए युजवेंद्र चहल की सांसे उस वक्त थम गई होगी, जब युवराज ने उनकी शुरुआती तीन गेंदों पर लगातार तीन छक्के जड़कर तहलका मचा दिया।
युवी ने चहल के ओवर की पहली गेंद को डीप स्क्वैयर लेग बाउंड्री के पार छक्के के लिए भेजा तो दूसरा चहल के सिर के ऊपर से बाउंड्री पार किया। तीसरा छक्का तो और लंबा-बेहतरीन था। लॉन्ग-ऑन में लगाए इस छक्के को जितनी बार देखो उतना कम। हालांकि चौथा सिक्सर लगाने के प्रयास में युवराज सिंह लॉन्ग-ऑफ पर मोहम्मद सिराज के हाथों कैच हुए।
इस तरह युवी ने 12 गेंदों पर तीन छक्कों की मदद से 23 रन की तूफानी पारी खेलकर अपनी फार्म को बरकरार रखा है। इसके पहले उन्होंने दिल्ली के खिलाफ भी 35 गेंदों पर पांच चौके और तीन छक्के की मदद से 53 रन की दमदार पारी खेली थी।
युवराज की इस तीन छक्कों की पारी देखने के बाद न सिर्फ फैंस बल्कि खुद कमेंटेटर भी 12 साल पुरानी घटना को याद कर बैठे। सभी के जेहन में वह रिकॉर्ड कौंधने लगा था। हालांकि यह हो नहीं पाया। युवराज के आउट होते ही निश्चित तौर पर युजवेंद्र चहल ने चैन की सांस ली होगी।