बड़ी खबर: अनिल अंबानी पर अभी भी 1 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज, कैसे निकलेंगे संकट से?

बड़ी खबर: अनिल अंबानी पर अभी भी 1 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज, कैसे निकलेंगे संकट से?

बड़े भाई की मदद से अनिल अंबानी 462 करोड़ रुपये का बकाया चुका कर गिरफ्तारी से तो बच गए हैं, लेकिन सच तो यह है कि आगे उनकी दिक्कतें आसानी से कम होने वाली नहीं हैं. पिछले वित्त वर्ष के अंत यानी मार्च, 2018 तक अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) के ऊपर कुल कर्ज बोझ 1,03,158 करोड़ रुपये का था और इस पर ब्याज देनदारी भी करीब 10 हजार करोड़ रुपये के पास थी. हालांकि, समूह ने अपने एसेट की बिक्री कर करीब 60 फीसदी कर्ज चुका देने की योजना बनाई है.बड़ी खबर: अनिल अंबानी पर अभी भी 1 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज, कैसे निकलेंगे संकट से?

इस वित्त वर्ष के कर्ज का अभी समूह का आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया है, लेकिन कुछ अनुमानों के मुताबिक सितंबर, 2018 तक अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) का कर्ज बढ़कर करीब 1.72 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. गौरतलब है कि अनिल अंबानी ने स्वीडन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये के बकाए का भुगतान कर दिया है. लेकिन ये पैसे उन्होंने अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी से लेकर चुकाए हैं. अगर कंपनी ऐसा करने में विफल रहती तो आरकॉम के चेयरमैन अनिल अंबानी को 3 महीने जेल की सजा काटनी पड़ सकती थी. ऐसे में मदद के लिए बड़े भाई मुकेश अंबानी सामने आए.

क्या था 462 करोड़ का मामला?

साल 2013 में आरकॉम ने एरिक्सन के साथ एक मल्टी ईयर मैनेज्ड सर्विसेज एग्रीमेंट (MSA) किया था. लेकिन तीन साल में ही बकाया रकम को लेकर दोनों कंपनियों के रिश्तों में खटास आ गई. सितंबर 2017 में एरिक्सन ने समझौते को रद्द कर दिया और अपना करीब 1,100 करोड़ रुपये का बकाया हासिल करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) के दरबार में पहुंची.

मई 2018 में एनसीएलटी के आदेश के बाद आरकॉम सेटलमेंट के रूप में 550 करोड़ रुपये देने पर सहमत हुई. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और उसने 30 सितंबर, 2018 तक 550 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया. अक्टूबर तक जब ऑरकॉम ने पैसा नहीं दिया तो एरिक्सन ने कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज किया. सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च, 2019 तक अंतिम तारीख मुकर्रर की.

कंपनी ने इसमें से पहले करीब 118 करोड़ रुपये (ब्याज और जुर्माने सहित) सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर अनिल अंबानी ने बकाया नहीं चुकाया तो उन्हें तीन महीने के लिए जेल में डाला जा सकता है.लेकिन 18 मार्च को अनिल अंबानी ने अपने बड़े भाई की मदद से 462 करोड़ रुपये चुका दिया.

संपत्त‍ि बेचने के बाद आधे से कम हो जाएगा कर्ज!

समूह ने अपने एसेट की बिक्री कर करीब 60 फीसदी कर्ज चुका देने की योजना बनाई है. योजना के मुताबिक एसेट बिक्री से समूह का कुल कर्ज घटकर 48,645 करोड़ रुपये रह जाएगा. अकेले समूह की दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) पर ही 38 बकाएदारों का करीब 47,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और वह डेट रीस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया से गुजर रही है. कंपनी अपना स्पेक्ट्रम, फाइबर, टेलीकॉम टावर, आदि बेचकर करीब 25,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है. इसी तरह इस कंपनी की नवी मुंबई स्थित 125 एकड़ प्रॉपर्टी को बेचने से करीब 10,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.

हाल में एडीएजी समूह की कंपनी रिलायस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने मुंबई का अपना पावर कारोबार अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को बेचा है. यह बिक्री करीब 18,800 करोड़ रुपये में हुई है. समूह की एक कंपनी रिलायंस नवल ऐंड इंजीनियरिंग लिमिटेड के ऊपर करीब 5,300 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसे चुकाने के लिए कंपनी इन्साल्वेंसी प्रक्रिया से गुजर रही है.

आरकॉम पहले से ही टेलीकॉम मार्केट में कुछ खास नहीं कर पा रही थी, लेकिन जियो के आने के बाद तो यह पूरी तरह बर्बाद ही हो गई. खुद उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इंफोकॉम ने आरकॉम के एसेट खरीद की योजना बनाकर उसे राहत देने की कोशिश की थी, लेकिन यह मामला परवान नहीं चढ़ पाया क्योंकि टेलीकॉम विभाग ने कहा कि जियो को आरकॉम का कर्ज भी चुकाना होगा.

रिलायंस एडीए ग्रुप देश टेलीकॉम, पावर, वित्तीय सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया, एंटरटेनमेंट और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर में सक्रिय है. समूह की कंपनियां इस प्रकार हैं-रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस पावर, रिलायंस मुंबई मेट्रो, रिलायंस रोड्स, रिलायंस डिफेंस और रिलायंस एंटरटेनमेंट.

 
 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com