देश की राजधानी दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास रविवार शाम दिल-दहला देने वाले हादसे में मां और दो बेटियों के कार में जिंदा जलने के मामले में परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतका रंजना के भाई बृज किशोर का आरोप है कि उसकी बहन से संबंध ठीक न होने की वजह से जीजा उपेंद्र ने ही जानबूझकर कार में आग लगाई।
बृज किशोर का आरोप है कि कार में आग लगाकर उपेंद्र सुरक्षित कार से बाहर आ गया। आरोप है कि उपेंद्र शादी के बाद से कभी भी रंजना को घुमाने नहीं ले गया था। जिस दिन यह हादसा हुआ, तब पहले बार ही उसे अक्षरधाम मंदिर ले जा रहा था। उपेंद्र मारपीट भी करता था।
शुरुआती जांच के बाद पुलिस आशंका जता रही है कि शॉर्ट से कार में आग लगी। पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह ने रंजना के भाई के आरोपों से इंकार किया है। उनका कहना है कि एफएसएल टीम ने सोमवार को कार की जांच कर ली है, रिपोर्ट आने के बाद कार में आग लगने के कारण साफ हो जाएंगे।
पुलिस ने सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद रंजना और बेटियों रिद्धि व निक्की का शव परिवार के हवाले कर दिया है। पुलिस हत्या के कोण से भी जांच कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, मूलरूप से गांव नहर मोर्चा, एटा (यूपी) के रहने वाले उपेंद्र की शादी गांव उदयपुरा (एटा) निवासी रंजना से 2004 में हुई थी। शादी के बाद दोनों लोनी के राम पार्क में रहने लगे। इनकी तीन बेटियां रिद्धि, निक्की और सिद्धि हुईं।
शादी के बाद से दोनों के बीच संबंध ठीक नहीं थे। मृतका रंजना के भाई बृज किशोर का आरोप है कि उसका जीजा तीन बेटियां होने व बेटा न होने पर खुश नहीं था। इसको लेकर ही दोनों के बीच विवाद रहता था। भाई का आरोप है कि साजिश रचकर उपेंद्र ने ही उसकी बहन व दो बच्चियों की हत्या की है।
बृज किशोर का आरोप है कि हादसे के बाद उपेंद्र ने मायके वालों को सूचना नहीं दी, बल्कि उन्हें रिश्तेदारों से सूचना मिली। वहीं हादसे के बाद उपेंद्र सदमे में है। वह परिवार के आरोपों से इंकार कर रहा है। उसका कहना है कि वह बच्चों व पत्नी की मौत के सदमे के कारण उसके मायके वालों को सूचना नहीं दे पाया।