#बड़ी खबर: एक बार फिर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के एकजुट होने की दिख रही संभावना

#बड़ी खबर: एक बार फिर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के एकजुट होने की दिख रही संभावना

लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी ने सीटों का बंटवारा तय कर लिया। कई सीटों के लिए उम्मीदवार भी घोषित हो गए। इसके बाद कांग्रेस संग सपा-बसपा गठबंधन के साथ आने की अटकलों पर विराम लग गया था। हालांकि सपा-बसपा ने अमेठी और रायबरेली जैसी सीटें छोड़ दी। इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव सार्वजनिक मंचों पर यही कहते रहें कि हम साथ हैं। कांग्रेस हमसे अलग नहीं है। ऐसे में एक बार फिर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के एकजुट होने की संभावना दिख रही है। #बड़ी खबर: एक बार फिर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के एकजुट होने की दिख रही संभावना

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम की पेशकश को क्या माना जाए! क्या भाजपा का हर हाल में हराने का लक्ष्य लेकर चली कांग्रेस ने अपने पत्ते खोलने शुरू किए हैं! कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम उम्मीद करते हैं कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सपा-बसपा उनके साथ आएंगी। उनका कहना है कि वह नहीं चाहते कि सेक्युलर वोटों में कोई सेंध लगे और वोट बंट जाए। हालांकि अबतक सपा-बसपा ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।

80 लोकसभा सीटों वाला उत्तर प्रदेश हर राजनीतिक दल के लिए मायने रखता है। कहा जाता है कि दिल्ली के ताज-ओ-तख्त का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। ऐसे में भाजपा हो, कांग्रेस हो सपा-बसपा, उत्तर प्रदेश फतह करना सभी के लिए अहम है। इस बीच कहा यह भी जा रहा है कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस महाराष्ट्र में समझौता को तैयार है। कांग्रेस महाराष्ट्र में बसपा को दो और सपा को एक लोकसभा सीट दे सकती है। माना जा रहा है कि इसके जरिए कांग्रेस उत्तर प्रदेश के महागठबंधन में अब भी शामिल होने को लेकर आशा जता रही है। 

महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति-मुस्लिम वोट बैंक पर नजर

महाराष्ट्र में लगभग 19 फीसदी अनुसूचित जाति-मुस्लिम वोट बैंक भी है, तो कांग्रेस की यह पेशकश अहम मानी जा रही है। इससे पहले प्रकाश आंबेडकर और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी को भी पेशकश की गई थी, लेकिन बात नहीं बनी। प्रकाश आंबेडकर 20 से ज्यादा सीटें चाहते थें, जिसपर कांग्रेस और एनसीपी राजी नहीं हुई। 

मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम के अनुसार, भारिपा बहुजन महासंघ के प्रकाश आंबेडकर से लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत तय नहीं हुई है, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए बसपा और सपा कांग्रेस के साथ आएंगी। बसपा और सपा को कौन-कौन सी सीटें दी जा सकती हैं, यह कांग्रेस और एनसीपी के वरिष्ठ नेता तय करेंगे। 

कांग्रेस दो और एनसीपी एक सीट छोड़ सकती है

महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 26 पर कांग्रेस और 22 पर एनसीपी अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। अगर बसपा और सपा भी कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में शामिल होती है तो बदलाव हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस अपने कोटे से दो, जबकि एनसीपी एक सीट देने पर सहमति जता सकती है। एक एनसीपी नेता की मानें तो बसपा और सपा की महाराष्ट्र इकाई के नेता कांग्रेस और एनसीपी के साथ होने को इच्छुक हैं। 

कांग्रेस महाराष्ट्र में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी को भी एक सीट देने को इच्छुक थी, लेकिन वह तीन सीटों की मांग पर अड़े रहे। उन्हें दो सीट देकर एनसीपी बीच का रास्ता निकालना चाहती थी। 

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