लाहौर में आतंकी हाफिज सईद ने एक पत्रकारिता स्कूल खोला है. खबर है कि आतंकवादी समूह जमात-उद-दावा (JuD) ने लाहौर शहर में इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजी एंड कम्युनिकेशन (ISAC) खोला है. इस संस्थान में हाफिज सईद के करीबी दो सहयोगियों की अहम भूमिका है. इस संस्थान के ब्रोशर के मुताबिक, यहां रिपोर्टिंग, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, ब्लॉगिंग, सोशल मीडिया, शॉर्ट फिल्म समेत कई शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कोर्स चलाए जाते हैं. कोर्स के लिए हर स्टूडेंट को 3000 रुपये देने होंगे. इस पैसे का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के नाम पर किया जाता है.
सईद की राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (MIM) के अध्यक्ष सैफुल्ला खालिद और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (FIF) के प्रमुख आतंकी हाफिज अब्दुल रऊफ इस संस्थान में क्लास लेते हैं. JuD की ही तरह FIF भी वैश्विक रूप से नामित आतंकवादी संगठन है. पिछले साल FIF को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को फंडिंग के कारण अंतरराष्ट्रीय निगरानी प्रणाली के तहत एक निगरानी सूची में रखा गया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार, FIF का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैय्यबा (LeT) की आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए किया जाता है.
पत्रकारिता संस्थान की ओर से जारी एक वीडियो में FIF प्रमुख हाफिज अब्दुल रऊफ ने कहा कि कैमरा और पेन पांचवीं पीढ़ी के युद्ध में सबसे मजबूत उपकरण हैं जो यहां सिखाया जा रहा है. वहीं, MIM के अध्यक्ष सैफुल्ला खालिद ने इस वीडियो में कहा कि मीडिया एक नया युद्ध हथियार है, हमारे दुश्मन अपने लाभ के लिए मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. अब युद्ध केवल मीडिया का उपयोग करके जीता जा सकता है.
बता दें, जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों के काफिले पर आत्मघाती आतंकी हमला किया गया था. इस हमले में करीब 40 जवान शहीद हुए हैं. इस हमले को कश्मीर के ही रहने वाले आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ने ली थी. इसका सरगना मजूद अजहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहता है. हालांकि, हमले के बाद पाकिस्तान ने कहा कि हम बिना किसी जांच के हमले का संबंध पाकिस्तान से जोड़ने के भारतीय मीडिया और सरकार के किसी भी आरोप को खारिज करते हैं.