वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने NPA का हिसाब लगाने को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 90 दिनों तक कर्ज की किस्त नहीं चुकाने पर उसे NPA घोषित करने का तरीका ठीक नहीं है. बजट 2019 के बाद इंडस्ट्री के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक पावर प्रोड्यूसर कंपनी है, जिसे डिस्कॉम की तरफ से पे नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से वह बैंकों से लिए लोन को चुकाने में असफल हो जाता है.
ऐसे में 90 दिनों की समय सीमा समाप्त होने पर उसे डिफॉल्टर घोषित करने की प्रक्रिया पर गौर करने की जरूरत है. बता दें, इसको लेकर पावर प्रोड्यूसर कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और कहा था कि NPA घोषित करने की प्रक्रिया में बदलाव किया जाना चाहिए. पीयूष गोयल ने कहा कि इस संबंध में RBI से बात की जाएगी.
पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार 8 बैंकों को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) की कैटेगरी से बाहर निकालने की कोशिश में लगी हुई है. पिछले दिनों बैंक ऑफ महाराष्ट्रा, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और बैंक ऑफ इंडिया को PCA की कैटेगरी से बाहर निकाला गया था. इसके लिए सरकार की तरफ से पिछले दिनों कैपिटल इंफ्यूजन भी किया गया था. कैपिटल गेन की वजह से बैंकों पर NPA का भार भी कम हुआ था. अगर किसी बैंक का NPA 6 फीसदी से ज्यादा है तो RBI की तरफ से प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) थोप दिया जाता है.