मध्य प्रदेश के रतलाम में आरएसएस कार्यकर्ता हिम्मत पाटीदार की हत्या का मामला पूरी तरह से उलट गया. इस मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पुलिस के मुताबिक पाटीदार ने खुद ही अपने कत्ल की साजिश रची थी. उसने अपने गांव के एक शख्स का कत्ल किया और खुद लापता हो गया. लाश की पहचान छुपाने के लिए उसने लाश का चेहरा भी जला दिया था.
ये सारा मामला लाश की डीएनए जांच के बाद खुलकर सामने आया. मृतक हिम्मत पाटीदार नहीं बल्कि उसी के गांव का मदन मालवीय था. ये वही शख्स था, जिसे पुलिस हिम्मत का कातिल मानकर उसकी तलाश कर रही थी. पुलिस को मदन पर शक इसलिए था, क्योंकि पाटीदार के मर्डर की सूचना के बाद से ही वो लापता था. लेकिन डीएनए टेस्ट से खुलासा हुआ कि मरने वाला मदन मालवीय ही था.
तब पुलिस का दिमाग ठनका. पुलिस ने दूसरे एंगल से जांच की तो सच सामने आ गया. पुलिस को पता चला कि संघ के शिवपुर मंडल के पूर्व कार्यवाह हिम्मत पाटीदार के सिर पर करीब बीस लाख रुपये का कर्ज था. इसी से छुटकारा पाने के लिए उसने खौफनाक साजिश रची और उससे रंजिश रखने वाले गांव के ही मदन मालवीय को बेरहमी के साथ कत्ल कर दिया.
बीते सप्ताह बुधवार के दिन अपने खेत में हिम्मत के पिता लक्ष्मीनारायण पाटीदार ने एक लाश देखी थी. उस लाश का चेहरा झुलसा हुआ था और पास में ही हिम्मत पाटीदार की मोटरबाइक खड़ी थी. पुलिस बुलाने के बाद शव की शिनाख्त की गई. पाटीदार के पिता लक्ष्मीनारायण और चचेरे भाई सुरेश उसकी पहचान की. हिम्मत पाटीदार की हत्या की ख़बर लगते ही हिंदू संगठनों ने हंगामा शुरू कर दिया.