नई दिल्ली। नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष का हंगामा जारी है और इसे अब बड़ा रूप दिया जा रहा है। बुधवार को संसद भवन के बाहर विपक्ष के 200 सांसदों ने सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस समेत अन्य दल भी शामिल हुए हैं। इसके अलावा विपक्ष बुधवार शाम को सरकार के खिलाफ मार्च भी निकालने वाला है।
बता दें कि लगातार कई दिनों से इस मुद्दे पर दोनों ही सदन हो-हल्ले के चलते स्थगित हो रहे हैं। एक और जहां विपक्ष सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहा है वहीं दूसरी ओर सरकार कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद से उनके बयान को लेकर माफी की मांग कर रही है।
हालांकि विपक्ष ने सत्र की शुरुआत में ही यह साफ कर दिया था कि वह इस मुद्दे को सदन में जोर-शोर से उठाएगी। वहीं सरकार ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की बात स्वीकार की थी। लेकिन अब जबकि सत्र को शुरू हुए एक सप्ताह हो चुका है सरकार का विपक्ष पर आरोप लगा रही है कि वह चर्चा से भाग रहा है। खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर ऐसा आरोप लगाया है।
वहीं विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगाता रहा है कि सरकार ने यह फैसला बड़े पूजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया है। उनका यह भी आरोप है कि सरकार ने अपने चाहने वालों को इसकी जानकारी पहले ही दे दी थी।
सरकार और विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर एक दूसरे को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि सरकार के इस कदम का स्वागत कर रहा है। पहली बार देश में ईमानदार का सम्मान हुआ है और बेईमान का नुकसान हुआ है। ईमानदार का पैसे नहीं डूबेगा। वह अपना पैसा 30 दिसंबर तक जमा करा सकता है।
किसी भी महिला की बचत डूबने वाली नहीं है। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि लोगों का पैसा डूब जाएगा। नोटबंदी से सिर्फ बेइमान लोग परेशान है ईमानदार लोग नहीं। वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार के इस फैसले ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमर तोड़कर रख दी है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal