मकर संक्रांति से जुड़े 3 बहुत जरूरी सवालों का जवाब यहां मिलेगा

मकर संक्रांति पर्व, सूर्य पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस दिन को ‘मकर संक्रांति’ कहते हैं।

इस दिन सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है जिससे दिन की लंबाई बढ़नी और रात की लंबाई छोटी होनी शुरू हो जाती है। भारत में इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है।
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इस दिन तिल और गुड़ खाने का खास महत्व क्यों है?
सर्दी के मौसम में टैम्परेचर बहुत कम होता है और शरीर में रोग और बीमारी जल्दी लगते हैं। गुड़ और तिल में गर्मी पैदा करने वाले तत्व होते हैं जिसे खाने से शरीर में गर्मी पैदा होती है और ये शरीर को लाभदायक पोषक भी देते हैं।
* इस दिन पतंग क्यों उड़ाते हैं?
यह समय सर्दी का होता है और इस मौसम में सुबह का सूर्य प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है तथा ये त्वचा व हड्डियों के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। इसीलिए इस दिन पतंग उड़ाई जाती है जिससे कि सूर्य किरणों का लाभ शरीर को मिले।
और यह भी माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी त्यागकर उनके घर गए थे इसलिए इस दिन को सुख और समृद्धि का दिन भी माना जाता है।
* मकर संक्रांति के और क्या-क्या नाम हैं?
दक्षिण भारत में इस त्योहार को पोंगल के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे लोहड़ी कहा जाता है। मध्यभारत में इसे संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति को उत्तरायण, माघी, खिचड़ी आदि नाम से भी जाना जाता है।

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