राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाराज चल रहे अपना दल (एस) ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अध्यक्षता में राजधानी में एक बैठक आयोजित की. अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए. यूपी सरकार एक का हिस्सा मारकर दूसरे को नहीं दे सकती. यूपी सरकार जातीय जनगणना कराकर संख्या के आधार पर आरक्षण दे. यूपी सरकार जातीय जनगणना न कराकर पिछड़ों को आपस में लड़ाना चाहती है. अनुप्रिया पटेल ने कहा कि, हमारा केंद्र सरकार के साथ न कोई मतभेद है न मनभेद है. हम आगे भी केंद्र सरकार के साथ खड़े रहेंगे लेकिन हमारी समस्याओं का समाधान करना होगा. हम अपने कार्यकर्ताओं के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे.
अनुप्रिया और आशीष ने कहा कि हम एनडीए के साथ हैं और रहेंगे लेकिन अगर यूपी बीजेपी के कर्ताधर्ताओं ने आचार व्यवहार नहीं बदला तो हमें फैसला लेना होगा. दोनों ने सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को आधारहीन बताया. पिछड़ी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण की वकालत करते हुए सरकार से इसके लिए जातीय सेन्सस कराने की मांग की.
पटेल ने कहा कि बीजेपी की सरकार में सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं, नेताओं और मंत्रियों की उपेक्षा हो रही है. उनकी मांगों को सरकार नहीं सुन रही. उन्होंने कहा कि सहयोगियों के उपेक्षा से 2019 का लोकसभा चुनाव गड़बड़ा सकता है.
आशीष पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी ने सरकार से मांग की थी कि प्रदेश के सभी जिलों के थानों में 50 फीसदी दलितों और पिछड़ों की तैनाती की जाए. लेकिन सरकार ने इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक में से एक की नियुक्ति भी दलित और पिछड़ा वर्ग से हो.