नई दिल्ली। किसी भी कंपनी के शीर्ष पर काम करने वाले अधिकारियों को ज्यादा भुगतान मिलता है, खासतौर पर भारत में। साल 2015-16 में बीएसई में लिस्टेड करीब 25 सर्वाधिक वेतन पाने वाले अधिकारियों का औसत वेतन उनके संबंधित कंपनियों के कर्मचारियों के औसत वेतन से 899 गुना अधिक है।
एक अंग्रेजी अखबार के विश्लेषण में यह बात कही गई है। उदाहरण के लिए टेक महिंद्रा के पूर्व कार्यकारी वाइस चेयरमैन विनीत नायर पिछले वित्त वर्ष (2015-16) में सबसे अधिक वेतन पाने अधिकारी थे। उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों की मीडियन सैलेरी (सभी कर्मचारियों के मिलने वाले वेतन का माध्य) से 3438.5 गुना अधिक वेतन पाया था।
शक जयदेव गल्ला को मीडियन सैलरी का 2,448 गुना अधिक वेतन मिला था। इसी तरह से अपोलो टायर्स के सीएमडी ओंकार कंवर और ल्यूपिन के चेयरमैन डीबी गुप्ता ने अपनी कंपनी के मिड लेवल के कर्मचारियों की तुलना में क्रमशः 1,425 और 1,317 गुना अधिक वेतन हासिल किया।
शीर्ष स्तर के अधिकारियों के वेतन जहां ऊपर जा रहे हैं, वहीं कनिष्ठ और मध्य स्तर के कर्मचारियों का वेतन स्थिर बना हुए हैं। 25 अधिकारियों का विश्लेषण किया, दो अधिकारियों को छोड़कर में से सभी दूसरों को पिछले साल से उनके अनुपात वृद्धि देखी।
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