तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर लगाम लगाने के मकसद से लाए गए ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक’ को लोकसभा में मंजूरी मिल चुकी है. बिल पर मतदान करने से पहले, कांग्रेस और अन्नाद्रमुक ने केंद्र सरकार द्वारा बिल को संसद की संयुक्त प्रवर समिति में भेजे जाने की उनकी मांग को स्वीकार न किए जाने पर सदन से वॉकआउट कर दिया.
वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिल में संशोधन करने की कई मांग रखी थी, जो नामंजूर कर दी है. बिल पास होने के बाद ओवैसी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस कानून का गलत उपयोग होगा. हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये कानून सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को रोड पर लाने का काम करेगा , यह उनको बर्बाद और कमजोर बना देगा और मुस्लिम मर्दों को जेल में डालने का कार्य करेगा.
इससे पहले सदन में चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक बिल को संविधान के खिलाफ करार दिया था. ओवैसी ने कहा था कि तीन तलाक का अपराधीकरण किसलिए किया जा रहा है. इस्लाम में शादी एक कंट्रैक्ट की तरह है. ओवैसी ने कहा था कि इस बिल को लेकर सरकार के इरादे ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि तलाक के कानून में जब हिंदू को एक साल की सजा का प्रावधान है तो मुस्लिमों को 3 साल की जेल क्यों है? उन्होंने कहा कि जब सबरीमला पर फैसला आया तो आस्था की बात की गई. आपकी आस्था, आस्था है और मुसलमानों की आस्था, आस्था नहीं है. समलैंगिकता पर आए फैसले पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने सदन से कहा कि आपने जब समलैंगिकता को सही ठहरा दिया है, तो तीन तलाक का अपराधीकरण क्यों किया जा रहा है?