हम अक्सर लोगों को ये कहते सुनते हैं कि मौत कभी बताकर नहीं आती, लेकिन ये बात सच नही है। पौराणिक ग्रंथों में हमें कई कहानियां मिलती हैं, जिससे हम आज की बातों और घटनाओं को जोड़ सकते हैं। ऐसी ही एक कथा है, जिसके अनुसार ये कहा गया है कि मौत से पहले यमराज व्यक्ति को सन्देश देते हैं। जिससे उसे पता चल सके कि उसकी मौत नज़दीक है। ऐसा यमराज इसलिए करते हैं, जिससे व्यक्ति को उसकी मौत का आभास हो सके और वह जल्द से जल्द अपने अधूरे काम निपटा सके।
गौरतलब है कि मृत्यु के देवता, भगवान यम को दक्षिण के लोकपाल के रूप में जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यम पहले ऐसे प्राणी थे, जिनकी मृत्यु हुई थी। उनकी इन्हीं वरीयता के आधार पर भगवान शिव ने उन्हें मरने वाले लोगों के शासक के रूप में ताज पहनाया।
ऐसा माना जाता है कि मृत्यु के समय आत्मा को स्वर्ग या नरक के द्वार पर साथ ले जाने के लिए यमदूत पृथ्वीलोक पर आते हैं, जहां यमराज के सामने इंसान के कर्मों के लिए आत्मा को फटकार लगाई जाती है। उनके सामने अच्छे-बुरे कर्मों के आधार पर दंड दिया जाता है। यमलोक में यमराज इंसान के कर्मो के आधार पर स्वर्ग और नरक का फैसला करते हैं। प्राचीन शास्त्रों में उल्लेख के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि यमराज ने अपने एक भक्त अमृत को वचन दिया था कि वे हर किसी के मौत से पहले इसकी सूचना भेजेंगे, ताकि लोगों को पता हो जाए कि उसकी मृत्यु कब होने वाली है और उस बीच में वह अपने सारे अधूरे काम कर सके।
यमराज और अमृत की कहानी है
एक समय की बात है, यमुना के किनारे अमृत नाम का व्यक्ति रहा करता था। वह यम देवता की दिन-रात पूजा किया करता क्योंकि उसे अकसर अपनी मौत का भय सताता रहता था। मौत को दूर रखने के लिए वह यमराज से दोस्ती करना चाहता था।
यमराज अमृत की तपस्या से प्रभावित हुए। जब यमराज प्रकट हुए, तो अमृत ने यम से अमरता का वरदान मांगना चाहा। तब यम ने अमृत को समझाया, जिसने जन्म लिया है, उसे एक दिन मरना भी है। यही शाश्वत नियम है। कोई भी मृत्यु से बच नहीं सकता है। अमृत ने कृतज्ञ भाव से यम से कहा कि मैं अपनी दोस्ती के नाते एक और निवेदन करता हूं। अगर मौत को टाला नहीं जा सकता, तो कम से कम जब मौत मेरे बिल्कुल करीब हो, तो मुझे पता चल जाए ताकि मैं अपने परिवार के लिए कुछ प्रबंध कर सकूं।
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इसके बाद यम ने अमृत को मौत की पूर्व सूचना देने का वादा कर दिया। यम ने इसके बदले में अमृत से कहा कि वह भी वादा करे कि जैसे ही उसे मृत्यु का संकेत मिलेगा, वह संसार से विदा लेने की तैयारी करना शुरू कर देगा। यह कहने के बाद यमराज अदृश्य हो गए।
ऐसे ही साल बीतते गए और अमृत ने यम के वादे से आश्वस्त होकर सारी साधना छोड़कर विलासितापूर्ण जीवन जीना शुरू कर दिया। मौत की अब उसे ज़रा भी चिंता नहीं होती थी। धीरे-धीरे उसके बाल सफेद होने लगे।कुछ साल बाद, उसके सारे दांत टूट गए, फिर उसकी आंखों की रोशनी भी कमजोर हो गई. फिर भी अभी तक उसे कोई यमराज का कोई संदेश नहीं मिला था।इसी तरह, कुछ साल और बीते और अब वह बिस्तर से उठने में भी असमर्थ हो गया, उसका शरीर बिल्कुल लकवाग्रस्त जैसी स्थिति में पहुंच गया। लेकिन उसने मन ही मन अपने दोस्त यम को मौत का कोई संदेश न भेजने के लिए धन्यवाद दिया।
पहला संदेश- बालों का सफेद होनाsign
दूसरा संदेश- दांत गिरना
तीसरा संदेश- ज्ञानेन्द्रियों का कमजोर पड़ना
चौथा संदेश- कमर झुक जाना
एक दिन वह हैरान रह गया, जब उसने अपने पास यमदूतों को देखा। उसने परेशान होकर घर में यमराज का पत्र ढूंढना शुरू कर दिया पर उसे ऐसा कोई पत्र नहीं मिला। जब वह यमलोक पहुंचा, तो उसने यम को मुस्कुराते हुए देखा। उसने यमराज पर धोखा देने का आरोप लगाया।
अमृत ने कहा, आपने मेरे साथ धोखा किया, आपने अपना वादा नहीं निभाया। आपने वादा किया था कि आप मुझे मौत से पहले संदेश भेजोगे, लेकिन मुझे कोई संदेश नहीं भेजा।
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तब यमराज ने विनम्रतापूर्वक उत्तर दिया, मैंने तुम्हें 4 संदेश भेजे थे लेकिन तुम्हारी लिप्सा और विलासितापूर्ण जीवन शैली ने तुम्हें अंधा बना दिया था। यमराज ने कहा कि तुम बेवकूफ थे, जो तुम्हें लगा कि मैं तुम्हें पेन से कागज पर लिखकर संदेश भेजूंगा। शारीरिक अवस्थाएं मेरी पेन है और समय मेरा दूत। जब तुम्हारे बाल सफेद हो गए थे वह पहला संकेत था। जब तुम्हारे सारे दांत टूट गए, वह मेरा दूसरा संकेत था। तीसरा संकेत जब तुमने अपनी दृष्टि खो दी और चौथा संदेश था- जब तुम्हारे शरीर के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया। लेकिन तुम इनमें से किसी संकेत को समझ न सके।