समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून लागू करने की मांग को लेकर अपने आंदोलन को शुरू करने वाले हैं. अन्ना 30 जनवरी को अपने गांव रालेगढ़ सिद्धी में भूख हड़ताल की शुरुआत करेंगे. इससे पहले अन्ना ने लोकपाल बिल और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ होने वाले अपनी भूख हड़ताल को रद्द कर दिया था.
बीते दिनों अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र भी लिखा था. इसमें उन्होंने लिखा कि महाराष्ट्र सरकार ने साल 2014 में लोकपाल और लोकायुक्त कानून को लागू करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक यह हो नहीं पाया. इससे पहले अन्ना ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि 2 अक्टूबर को अपने गांव रालेगण सिद्धि से आंदोलन शुरू करना था, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने फिर आश्वासन दिया कि लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. मैंने उन्हें एक और मौका देने और 30 जनवरी तक इंतजार करने का मन बनाया है.
अन्ना ने लगाया आरोप
इस साल के अक्टूबर महीने में अन्ना ने कहा था कि मोदी सरकार लोगों को धोखा दे रही है. एक नागरिक प्रधानमंत्री पर किस तरह विश्वास करेगा. उन्होंने एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि भारत एशिया में भ्रष्ट देशों की लिस्ट में ऊपर है. अब मेरा पीएम के वादों से विश्वास उठ गया है, मैं उन्हें पत्र लिखता रहा और वादों की याद दिलाता रहा. अन्ना ने इसके साथ ही भूख हड़ताल का भी ऐलान किया था.
इस आरोप के थोड़े दिन बाद अन्ना ने अपने भूख हड़ताल को रद्द कर दिया था. उनका कहना था कि मोदी सरकार ने लोकपाल को लागू करने की तरफ पॉजिटिव अप्रोच के साथ काम किया है, मोदी इसके लिए सर्च कमेटी भी बनाई है.