जांच में ये बात भी सामने आई कि नरभक्षियों के गांव एसिगोदल्वेनी में 971 घरों में एक बैठक हुई थी, जिसमें यह तय हुआ था कि ये लोग अच्छे भाग्य के लिए कब्र से लाशें खोद कर निकालेंगे और इंसानी मांस का सेवन करेंगे। गांव वालों ने बताया कि मबाथा के निर्देशन में वो ऐसा कर रहे थे। हालांकि पीटरमैरिट्सबर्ग हाईकोर्ट के जज पीटर ओल्सेन ने इस मामले को सबसे क्रूर अपराध करार देते हुए दोनों नरभक्षियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।