तमिलनाडू के वेल्लोर जिले में गांव वाक्कानापट्टी के लोग दिन के उजाले में भी घर से निकलने में डर रहे थे। गांव के कब्रिस्तान से 45 नरमुंडों के मिलने की खबर से गांव में सनसनी फैल गई। इतना ही नहीं नरमुंडों के साथ नारियल और अगरबत्तियां भी थी जिसे लोग काला जादू के अवशेष मान रहे थे।
इन नरमुंडों को कब्रिस्तान के पास पड़े मलबे में सबसे पहले देखा 58 साल के दूध कारोबारी बाल सुब्रम्हण्यम ने जो वहां से गुजर रहे थे। बाल सुब्रम्हण्यम के अनुसार ये नरमुंड ऐसे रखे थे मानो कोई मुंडमाल हो। दूध वाले को लगा कि शायद ये सड़े हुए कद्दू हैं पर पास जा कर नरमुंड दिखा तो होश उड़ गए।
वाक्कानापट्टी का कब्रिस्तान हिंदुओं और ईसाइयों दोनों धर्मों के लोगों के लिए बनाया गया है। नरमुंडों पर नजर पड़ते ही बाल सुब्रम्हण्यम ने शोर मचाया जिसके बाद लोगों का हूजूम उमड़ पड़ा नरमुंडों को देखने के लिए। गांव वालों की सूचना पर पुलिस भी फौरम मौके पर पहुंची और शुरूआती जांच शुरू कर दी।
काला जादू होने का शक लोगों को सता रहा है। गांव के लोगों का मानना है कि वाक्कानापट्टी गांव येल्लागीरि पहाड़ों की तलहटी पर बसा हुआ है इसलिए किसी ने काला जादू करने के लिए इनके गांव को चुना। हांलाकि प्रशासन गांव के लोगों को निडर होकर रहने के लिए आश्वासन दे रहा है। पुलिस ने भी नरमुंडों को कब्जे में लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया है। पुलिस जांच कर रही है ताकि दोशी जल्द से जल्द गिरफ्त में आ सके।
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