बच्चों की कम आबादी की समस्या को दूर करने के लिए सर्बिया में इस संबंध में लगाए जा रहे नारों में से एक और है – ”चलो बच्चों की किलकारियां सुनें. वहीं दूसरी ओर, देश की महिलाओं का इस पर कहना है कि उन्हें आबादी बढ़ाने के लिए बेहतर सहयोग चाहिए ना कि महज प्रेरणादायक शब्द ही सुनने को मिलें.
‘बच्चे पैदा करो, देरी मत करो!” यह शब्द सर्बिया ने अपने देश के युवा दंपतियों से कहे हैं. जहां एक ओर दुनिया में तेजी से जनसंख्या वृद्धि दर सभी के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुए है. वहीं किसी देश का इस तरह से अपने देशवासियों से अपील करना चिंता की बात है.
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सर्बिया में बहुत लोग अपने देश को छोड़कर जा रहे हैं और इसके साथ जन्म दर भी तेजी से बढ़ती ही जा रही है और देश में औसतन हर दो परिवार में तीन बच्चे हैं जो यूरोप में सबसे कम संख्या है और इससे सर्बिया की आबादी गिरकर 70 लाख लोगों पर ही पहुँच गई है. फ़िलहाल यह तो भविष्य बताएगा कि सर्बिया के यह अपील कितनी काम आएगी. वहीं संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक सर्बिया की आबादी और 15 फीसदी तक कम हो सकती है जो कि उसे काफी सता रही है. फ़िलहाल इस समस्य से बचने के लिए यहां और भी करी सारी योजनाओं पर काम किया जा रहा है.