CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के विवाद को लेकर शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में अहम सुनवाई है. वहीं, आलोक वर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में नोटिस का जवाब दायर कर दिया है. आलोक वर्मा ने अपने जवाब में कहा है कि राकेश अस्थाना ने उनके ऊपर जितने भी आरोप लगाए है वो निराधार हैं. सीबीआई निदेशक ने कहा कि याचिकाकर्ता अस्थाना द्वारा लगाए गए सभी आरोप काल्पनिक हैं और उनकी सोच का हिस्सा है.
आलोक वर्मा ने हाईकोर्ट में दाखिल किए अपने जवाब में कहा है कि पीसी एक्ट का सेक्शन 17A राकेश अस्थाना पर लागू नहीं होता है, क्योंकि एफआईआर बाद में दर्ज की गई और प्राथमिक जांच पहले की गई.
बता दें कि हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में मीट कारोबारी मोईन कुरैशी को क्लीनचिट देने में कथित तौर पर घूस लेने के आरोप में सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया था. अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मोईन क़ुरैशी मामले में हैदराबाद के एक व्यापारी से दो बिचौलियों के माध्यम से 5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी.
आलोक वर्मा ने आगे कहा कि राकेश अस्थाना के ख़िलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले किसी भी नियम को बाईपास नहीं किया गया. दरअसल, अस्थाना की तरफ़ से कोर्ट को कहा गया कि उनके ख़िलाफ़ नियमों को ताक पर रखकर एफआईआर दर्ज की गई और डायरेक्टर ने ये सब उनको गिरफ्तार करने के लिए किया.
राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार ने दिल्ली हाइकोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट में इस मामले में 4 सुनवाई हो चुकी है और हाई कोर्ट ने राकेश अस्थाना की गिरफ्तारी पर रोक लगाई हुई है.
आज हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई बेहद अहम होगी और देखना होगा कि कोर्ट सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के जवाब से कितना संतुष्ट होता है. बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के दो अधिकारियों के बीच की जंग पर सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर चुका है.