विदेश में नौकरी का ख्वाब संजोए बैठे उत्तराखंड के युवाओं के लिए अच्छी खबर है। कैबिनेट के निर्णय के बाद उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. (उपनल) विदेश में नौकरी के लिए रिक्रूटमेंट एजेंसी के रूप में काम कर सकेगा। इस काम के लिए सरकारी एजेंसी को अधिकृत किए जाने के बाद युवा कबूतरबाजों के जाल में भी नहीं फंस पाएंगे।
सैनिक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव आनंद वर्धन के मुताबिक उत्तराखंड के युवा बड़ी संख्या में विदेश में काम करते हैं। कई दफा यह चाह उन्हें कबूतरबाजों के जाल में भी फंसा देती है। इसके अलावा ऐसे मामले भी सामने आए हैं कि कबूतरबाज गलत तरीके से उन्हें विदेश में काम कराने लगते हैं। ऐसे में कई दफा संबंधित युवा वहां कानून के शिकंजे में भी फंस जाते हैं या उनके साथ विदेश में धोखाधड़ी के प्रकरण भी सामने आते रहे हैं। हालांकि अब उपनल के माध्यम युवा वैध तरीके से दूसरे देशों में नौकरी कर सकते हैं
कैबिनेट के आदेश के बाद इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया जाएगा और फिर उपनल विदेश मंत्रालय से रिक्रूटमेंट एजेंसी का लाइसेंस प्राप्त कर सकता है। अब तक उपनल देश के भीतर 20 हजार से अधिक सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहा है। यह सेवाएं भी पिछले कुछ समय पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों तक केंद्रित कर दी गई थी। हालांकि कैबिनेट के आदेश के बाद उपनल ओवरसीज एजेंसी के रूप में काम करते हुए सभी तरह के बेरोजगार लोगों को विदेश में रोजगार दिलाने के काम कर सकेगी।
उपनल इस तरह दिलाएगा नौकरी
उपनल विदेशी कंपनियों से टाइअप करेगा और उनकी मांग और योग्यता के अनुसार युवाओं को रोजगार दिलाएगा। इसके लिए निगम रोजगार को लेकर दूसरे देशों की कंपनियों की टेंडर प्रक्रिया में भी हिस्सा ले सकेगा।
उपनल के पास बेरोजगार युवा अपना पंजीकरण करा सकते हैं, जिससे उनकी शैक्षिक व अन्य योग्यताओं का लेखा-जोखा रहेगा। इसके अलावा उपनल विदेशी कंपनियों को कैंपस इंटरव्यू के लिए उत्तराखंड में भी आमंत्रित कर सकता है। इससे बड़ी संख्या में आइटीआइ प्रशिक्षितों को खासा लाभ मिलने की उम्मीद है।
खाड़ी देशों में खासी संभावनाएं
खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में देश के युवा इंजीनियरिंग, मेडिकल, सुरक्षा आदि सेक्टर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उत्तराखंड में ऐसे युवाओं की संख्या अच्छी-खासी है, जो इन क्षेत्रों में पहले से प्रशिक्षित हैं।