पाक के विदेश मंत्रालय ने सुषमा स्वराज, नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को आने का न्योता दिया था। सुषमा ने शुक्रिया जताते हुए पूर्व प्रतिबद्धताओं के चलते शामिल होने से इनकार कर दिया। माना जा रहा है कि भारत के मंत्रियों के पाक दौरे से दोनों देशों के बीच चल रही तल्खी कम होगी। पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में भारत की तरफ से दो केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी शामिल होंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 28 नवम्बर को कॉरिडोर का उद्धाटन करेंगे।

सुषमा ने जवाब में लिखा, “न्योता देने के लिए शुक्रिया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते मैं कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पाऊंगी। सिखों की भावनाओं को देखते हुए पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पहुंचने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए। आपके 28 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में हम भारत के दो मंत्रियों हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी को भेजेंगे।” गुरुवार को भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपने-अपने क्षेत्र में कॉरिडोर बनाने की बात कही थी। अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से पाक सीमा तक कॉरिडोर बनाया जाएगा।
लंबे वक्त से कॉरिडोर बनाने की हो रही थी मांग
गुरुनानक देव ने करतारपुर साहिब में 18 साल बिताए थे। यह स्थान भारतीय सीमा से कुछ किलोमीटर अंदर पाकिस्तान में है। यहां हर साल काफी श्रद्धालु आते हैं। लंबे समय से एक कॉरिडोर बनाकर इसे भारत के गुरदासपुुर से जोड़ने की मांग हो रही थी।
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सिद्धू के पाक दौरे में विवाद भी हुआ था
करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर उस वक्त सियासत गरमाई थी, जब नवजोत सिद्धू जुलाई में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ समारोह में गए थे। इस दौरान उनके पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से गले मिलने पर विवाद हुआ। सिद्धू ने अपने बचाव में कहा था कि जब बाजवा ने उनसे करतारपुर का रास्ता खोलने की बात कही, तभी उनसे गले मिला। इसके बाद सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस मामले में पत्र लिखकर करतारपुर का रास्ता खोलने की मांग की थी।
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