सबरीमाला मंदिर मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष और केरल सरकार के बीच ठनती जा रही है. केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन पर निशाना साधते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भगवान अयप्पा स्वामी के भक्तों के साथ ‘कैदियों’ की तरह व्यवहार किया जा रहा है.
केरल सरकार पर लोगों के विश्वास को ‘कुचलने’ की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने कहा कि बीजेपी श्रद्धालुओं के साथ मजबूती से खड़ी है. बीजेपी अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि कहा जा रहा है कि श्रद्धालुओं को कूड़े के ढेर और सुअरों के रहने की जगह पर रात बिताने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
अमित शाह ने अपने अगले ट्वीट में कहा, ‘पिनरायी विजयन सरकार जिस तरह सबरीमला के संवेदनशील मामले को ले रही है, वह निराशाजनक है. केरल पुलिस युवा लड़कियों, माताओं और बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है. खाना, आश्रय, पानी और स्वच्छ शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं के बिना उन्हें कठिन तीर्थ यात्रा के लिए मजबूर कर रही है.’
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अगर विजयन यह सोचते हैं कि वे हमारे त्रिशूर जिले के अध्यक्ष के सुरेन्द्रन और छह अन्य लोगों को गिरफ्तार कर सबरीमला के लिए खड़े लोगों के आंदोलन से पार पा जाएंगे, तो वह गलत सोच रहे हैं. हम अयप्पा श्रद्धालुओं के साथ पूरी तरह से खड़े हैं.
अमित शाह के आरोपों के इतर केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि राज्य में अभी हमारे पास 2 बड़े मामले हैं. पहला बाढ़ की तबाही के बाद केरल को फिर से खड़ा करना और दूसरा सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ की तबाही से पीड़ित केरल के पुनर्निर्माण में लगी है. हमें केंद्र से मदद की उम्मीद थी, लेकिन हमें पता चला कि हमें वहां से कोई मदद नहीं मिलने वाली.
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के फैसले के बाद से सबरीमला और उसके आसपास के क्षेत्र में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाने की कोशिशों में जुटी है.
उनेहोंने कहा कि हम बीजेपी को बताना चाहते हैं कि अगर आपके पास राजनीतिक मुद्दे हैं तो हमारे पास आइए. हम आपसे बात करने को इच्छुक हैं, लेकिन श्रद्धालुओं को इसमें शामिल मत कीजिए. सबरीमाला का राजनीतिक इस्तेमाल की कोशिश मत करिए.
सबरीमाला मुद्दे पर विजयन ने कहा, ‘मैं कन्फ्यूज हूं. कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाने के पक्ष में है जबकि केरल में वह बीजेपी के साथ मिलकर इसे लागू करवाने का विरोध कर रही है.’