एक और बड़ा कदम उठाते सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने फैजाबाद जिले का नाम अयोध्या किये जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। इसी के साथ फैजाबाद मंडल का नाम अयोध्या मंडल और इलाहाबाद मंडल का नाम प्रयागराज मंडल किये जाने का भी फैसला हुआ। फैजाबाद की स्थापना 288 वर्ष पहले हुई थी। भगवान राम की जन्म स्थली होने से अयोध्या से देश-दुनिया की आस्था जुड़ी है।
विश्व पटल पर महत्व के लिए अभियान
लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न कैबिनेट की बैठक में दस फैसले हुए। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने फैसलों की जानकारी दी। पिछले मंगलवार को हनुमान जयंती और दीप पर्व पर अयोध्या गये मुख्यमंत्री ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किये जाने की घोषणा की थी। मंगलवार को इस पर मुहर लग गई। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के साथ ही इस नाम को भी विश्व पटल पर महत्व देने के लिए सरकार लगातार अभियान चला रही है। फैजाबाद नगर पालिका को अयोध्या नगर निगम बनाने, भव्य दीप पर्व और सरयू आरती के बाद अब जिले का नाम परिवर्तित कर सरकार ने हिंदुत्व के एजेंडे पर फोकस किया है।
मंडलों में शामिल रहेंगे पुराने जिले
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इलाहाबाद और फैजाबाद मंडलों के नाम जरूर बदले गये हैं लेकिन, इनमें शामिल जिले पहले की ही तरह रहेंगे। प्रयागराज मंडल में प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर और प्रतापगढ़ जिले होंगे जबकि अयोध्या मंडल में अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सुलतानपुर और अमेठी जिले होंगे। आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद, उप्र ने 12 नवंबर को इलाहाबाद मंडल का नाम बदलकर प्रयागराज मंडल किये जाने का प्रस्ताव भेजा था। उन्होंने अधिसूचना जारी करने की संस्तुति की है। इस संस्तुति के आधार पर ही कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दी। उल्लेखनीय है कि 18 अक्टूबर को इलाहाबाद जिले का नाम बदलकर प्रयागराज किये जाने के लिए शासन ने अधिसूचना जारी की थी। इसका मुख्यालय पूर्ववत रहेगा।
इसलिए बदला फैजाबाद का नाम
जिलाधिकारी फैजाबाद अनिल कुमार ने दस नवंबर को सरकार को पत्र भेजकर बताया कि अयोध्या की गणना सप्त मोक्षदायिनी पुरियों में होती है। यह देश-विदेश में अत्यंत ख्याति प्राप्त पवित्र तीर्थ स्थल है। अयोध्या विभिन्न कालों में कई राज्यों और राजवंशों की राजधानी रही है। दूर-सुदूर इसकी पहचान अयोध्या के रूप में ही है, इसलिए इसका नाम बदलकर अयोध्या किये जाने का प्रस्ताव मंडलायुक्त को उपलब्ध कराया गया है। जिलाधिकारी की आख्या पर फैजाबाद के मंडलायुक्त ने 11 नवंबर को इसका नाम बदलकर अयोध्या किये जाने का प्रस्ताव भेजा। उन्होंने यह भी लिखा कि अयोध्या इक्ष्वाकुवंश की राजधानी रही है एवं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जन्म स्थान के आधार पर भी फैजाबाद के डीएम द्वारा उपलब्ध कराया गया प्रस्ताव औचित्यपूर्ण है। इस संस्तुति के उपलक्ष्य में फैजाबाद जिला और मंडल का नाम बदलकर राजस्व परिषद ने अयोध्या किये जाने का प्रस्ताव भेजा। वित्त और न्याय विभाग की अनापत्ति के बाद कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
अवध के पहले नवाब ने बसाया था फैजाबाद
तकनीकी रूप से दस्तावेजों में अब जिला, मंडल, नगर निगम में फैजाबाद नाम नहीं रहेगा। हालांकि अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने यह स्पष्ट किया कि फैजाबाद शहर का नाम बना रहेगा। अवध के पहले नवाब सादत अली खां ने 1730 में फैजाबाद की स्थापना की थी। उन्होंने इसे अपनी राजधानी बनाया था। फैजाबाद में नवाब शुजाउद्दौला और उनकी बेगम का मकबरा है। 1755 में अवध की राजधानी को लखनऊ लाया गया।