जेट एयरवेज को संकट से उबारने के लिए टाटा ग्रुप इसमें बड़ी हिस्सेदारी खरीद सकती है। एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से यह खबर सामने आई है। हिस्सेदारी खरीदने को लेकर टाटा ग्रुप और जेट एयरवेज के बीच बातचीत की शुरुआत हो चुकी है।
बता दें कि जेट एयरवेज अपने पायलटों को सैलरी देने में लगातार देरी कर चुकी है। इसके अलावा एयरलाइन अन्य कर्मचारियों को भी सैलरी नहीं दे पा रही है। ऐसे में कर्ज के संकट से निकलने के लिए कंपनी अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। लेकिन, अब टाटा ग्रुप की पैरंट कंपनी टाटा संस इसे अपने हाथ में लेने का फैसला किया है। हालांकि टाटा ग्रुप ने इसपर कोई कमेंट करने से इनकार किया है, जबकि जेट ने इसे पूरी तरह से काल्पनिक बताया है।
बता दें कि जेट के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता के पास जेट का 51 फीसद शेयर है। टाटा ग्रुप गोयल और उनकी पत्नी से कम-से-कम 26 फीसद हिस्सेदारी खरीदना चाहेगा। इससे उसके पास जेट के अन्य शेयरधारकों से और 26 फीसद शेयर खरीदने का मौका बन जाएगा।
इसके अलावा अबू धाबी की कंपनी एतिहाद एयरवेज की भी जेट में 24 फीसद हिस्सेदारी है। इसी महीने जेट की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए एतिहाद ने जेट को 3.5 अरब डॉलर दिए थे।
गौरतलब है कि टाटा पहले से ही एविएशन सेक्टर में उतरी हुई है। उसके पास दो वेंचर हैं। पहला वेंचर सिंगापुर एयरलाइंस के साथ है जो विस्तारा का संचालन करती है जबकि दूसरे वेंचर से एयर एशिया का संचालन होता है। अगर टाटा जेट की हिस्सेदारी खरीदती है तो एतिहाद जेट की अपनी पूरी या आंशिक हिस्सेदारी बेच सकती है।